गरीबो के रोजगार पर प्रधान व सचिव की मिली भगत से हो रहा बड़ा खेल

2011 में बने जॉब कार्ड पर अब तक नही पात्र परिवार को दिया गया कोई कार्य 

गरीबो के रोजगार पर प्रधान व सचिव की मिली भगत से हो रहा बड़ा खेल

विशेष संवाददाता मसूद अनवार की रिपोर्ट

सरकार जहां ग्राम पंचायतो में तमाम तरह की योजनाएं चलाकर ग्रामीणों के उत्थान और उनको लाभ देने की बात करती है तो वही ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का खेल लगातार होने के बात भी सामने आ रही है। जिसमें प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत गरीब पात्रो को कार्य नहीं दिया जा रहा है और तमाम अपात्र और अपने चहेतों को कार्य देकर ग्राम प्रधान अपनी मनमानी करने पर उतारू है जिसमें ग्राम पंचायत सचिव की संलिप्ता की बात भी आ रही है ।1 मामला विकासखंड तुलसीपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सुखरामपुर का है जहां प्रधानमंत्री ग्राम रोजगार योजना के अंतर्गत इस गांव के रहने वाले आबिद हुसैन ने बताया है कि ग्राम पंचायत सुखरामपुर में ग्राम प्रधान के द्वारा पात्र होने के बावजूद भी 2011 से अब तक कोई कार्य नहीं दिया गया है जिससे हमारे परिवार को काफी समस्याओं का सामना है जबकि मेरा जॉब कार्ड 2011 में बनाया गया है और उसके बाद 2022 ,23 तक कि वैधता के साथ मौजूद है इसमें मुझे 2011 में मात्र कुछ दिन ही काम करवा कर उसके बाद आज तक कोई कार्य नहीं दिया और न ही जॉब कार्ड में उसकी एंट्री की गई है और ना मेरा कोई भुगतान किया गया है की बात करते हुए अपनी पीड़ा बताया है । जिसको लेकर जब ग्राम पंचायत अधिकारी सुखरामपुर से बात की जाती है तो उनका फोन तक नहीं उठाता है। वही इस सम्बन्ध में जब विकासखंड अधिकारी तुलसीपुर से बात की जाती है उन का कहना है प्रार्थी को मेरे पास प्रार्थनापत्र के साथ कार्यालय भेजिए मैं उसे कार्य दिलवाता हूँ और यह समस्या कोई बड़ी नहीं है हल हो जाएगा की बात करते हुए दिखाई देते हैं । जबकि सुखराम पुर में अन्य कई ऐसे ग्रामीण पात्र है जिनकी भी यही समस्या है जो जांच का विषय है कि कितने पात्र गरीबो को रोजगार मिला य सिर्फ कागजो में ही रोजगार देकर प्रधानमंत्री रोजगार मिशन का संचालन हो रहा है अब देखना यह होगा कि क्या प्रधानमंत्री ग्राम रोजगार योजना में कितने पात्रो को कार्य दिया गया और कितने की सिर्फ खानापूर्ति कर गरीबो के संग मजाक किया जा रहा जो जांच का विषय है।

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