क्या कैबिनेट में होने वाला है फेर बदल, पीएम आवास पर देर रात बैठक
यह बैठक प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका से लौटने के कुछ ही दिन बाद हुई है। लोकसभा चुनाव के लिए अब एक साल से भी कम समय बचा है। इससे पहले मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। अमेरिका से लौटने के तुरंत बाद पीएम ने मध्य प्रदेश में एक जनसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने पर जोर देकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है।
पिछले महीने केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ संगठनात्मक सदस्यों ने मोदी सरकार की नौवीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक महीने तक जन संपर्क अभ्यास चलाया था। यह एक ऐसा कदम है जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले समर्थन जुटाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के मेगा आउटरीच के रूप में भी देखा गया।
चुनाव की इन सरगर्मियों के बीच ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि विपक्षी एकता से बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है। कम से कम 15 दल एकजुट नज़र आ रहे हैं। यदि चुनाव में यह एकजुटता बनी रही तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी। यह चुनावी विश्लेषक भी बता रहे हैं और आँकड़े भी इसी ओर इशारा करते हैं।
चार महत्वपूर्ण राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने जा रहे हैं। इनमें से सिर्फ मध्य प्रदेश में बीजेपी का शासन है। पार्टी राजस्थान और अन्य दो राज्यों में सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाकर अपने पक्ष में काम करने की उम्मीद कर रही है।
Read More Highway Milestone: सड़क किनारे क्यों लगे होते हैं अलग-अलग रंग के माइलस्टोन? जानें क्या है इनका मतलबइस वजह से बीजेपी चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बीजेपी ने 6 जून को भी एक बैठक की थी। उसमें भी अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष सहित कई नेता मौजूद थे। सूत्रों से ख़बर आई थी कि उस दौरान चुनावी राज्यों में चुनाव प्रभारी नियुक्त करने समेत कई राज्यों के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों और बीजेपी की केंद्रीय टीम में बड़े फेरबदल को लेकर चर्चा हुई थी।अब जो बैठक हुई है उसको लेकर ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं। चुनाव से पहले कैबिनेट में फेरबदल करने की रणनीति बीजेपी अपना सकती है। ऐसा भी कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी के संगठन में बड़ा फेरबदल किया जाए।
कहा जा रहा है कि ऐसी ही रणनीति के तहत बीजेपी कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में कहा कि सरकार देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने पर जोर देगी। यह एजेंडा हमेशा बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है।

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