प्रधानाचार्यों के लिए लूट का जरिया बनी मध्याह्न भोजन योजना

प्रधानाचार्यों के लिए लूट का जरिया बनी मध्याह्न भोजन योजना

 

जांच अधिकारी भी पैसे लेकर कर देते हैं मामले को रफा-दफा


स्वतंत्र प्रभात 
टांडा अंबेडकरनगर।जयराम वर्मा बापू स्मारक इंटर कॉलेज नाऊसांडा के प्रभारी प्रधानाचार्य  सालिक राम वर्मा द्वारा एम.डी.एम. योजना में  22.10.2018 से 24.12.2018 के मध्य विभिन्न तिथियों में किए गए सरकारी धन के कुल रुपए 2322 के गबन का नया मामला सामने आया ,जिसकी  शिकायत दयानंद वर्मा अध्यक्ष, प्रबंध समिति के द्वारा पूर्व में बीएसए अम्बेडकरनगर सहित अन्य अधिकारियों से कई बार की गई, जिसकी जांच दो बार खंड शिक्षा अधिकारी  हरगोविंद को मिली।किंतु नामित जांच अधिकारी, हरगोविंद सिंह,खंड शिक्षा अधिकारी टांडा द्वारा जांच ना कर दोषी प्रधानाचार्य से लेन-देन कर 24.08.2022 को बीएसए अम्बेडकरनगर को यह कहकर प्रकरण को निक्षेपित करने का अनुरोध किया गया कि यह प्रकरण जिला विद्यालय निरीक्षक अंबेडकरनगर से संबंधित है।

पुन: 12.10.2022 को आईजीआरएस के माध्यम से दर्ज शिकायत संख्या में खंड शिक्षा अधिकारी हरगोविन्द सिंह द्वारा प्रेषित आख्या से यह खुलासा हुआ कि  दोषी सालिकराम वर्मा द्वारा अपने ऊपर लगे गबन के आरोपों एवं साक्ष्यों के जवाब में अपने बचाव में यह तथ्य प्रस्तुत किया गया है कि उक्त तिथियों में प्रयुक्त केलों को अकबरपुर से ठेला द्वारा लाया गया था, जिसका किराया भाड़ा 1072 रुपये हुआ आदि-आदि को मिलाकर कुल उपयोग किये गये कंवर्जनकास्ट 6330 रुपये का खर्च दिखाया जा रहा है। जबकि दोषी प्रधानाचार्य द्वारा तत्समय संबंधित तिथियों में लगाये गये बिल वाउचर में कुल 6330 रुपये में संपूर्ण बिल केले का ही लगाया गया था और प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारा कन्वर्जन कास्ट के रूप में 6330 रुपये का आहरण भी किया जा चुका है। जिस पर स्थानीय बाजार केदारनगर स्थित फल विक्रेता चन्द्र प्रकाश, क्रेता परिचारक जय प्रकाश, हरिशचंद व शिक्षक सभाजीत एवं दोषी प्रधानाचार्य सालिकराम वर्मा के स्वयं का हस्ताक्षर भी है और सभी बाऊचरों पर बाऊचर नंबर अंकित है।

बाऊचर से स्पष्ट है कि संबंधित तिथियों में केले का क्रय, स्थानीय बाजार केदार नगर स्थित फलविक्रेता चंद प्रकाश से ही केले का क्रय किया गया था। सबसे मजेदार तथ्य यह है कि संबंधित तिथियों में केले का क्रय स्थानीय बाजार केदारनगर से किया गया है और संबंधित तिथियों मे प्रतिदिन केले का दो-दो बाऊचर लगाकर फर्जीवाड़ा कर कन्वर्जन कास्ट की लूट किया गया है। इससे भी रोचक तथ्य यह है कि प्रधानाचार्य द्वारा अब उन केलो को अकबरपुर से ठेले पर लाद कर लाया गया दर्शाया जा रहा है,और केले का ठेला भाड़ा किराये की रसीद अकबरपुर से ही दिखाकर उस मद में 1072 रुपये का भुगतान दिखाकर गबन की गई राशि को हजम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रकार केले की खरीददारी स्थानीय बाजार केदारनगर से और ठेला भाड़ा 15 किमी सुदुर स्थित अकबरपुर से,जो सीधे -सीधे सरकारी धन के दुरूपयोग व जालसाजी की श्रेणी में आता है, जांच अधिकारी को इसके लिए दोषी प्रधानाचार्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज काराना चाहिए था, किंतु जांच अधिकारी द्वारा न तो इस फर्जीवाड़े का संज्ञान लिया गया और न ही शिकायतकर्ता को उक्त के संबंध में अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया और न ही शिकायत में उल्लिखित तथ्यों और साक्ष्यों को ही देखा गया।

जिससे स्पष्ट है कि खंड शिक्षा अधिकारी टांडा द्वारा दोषी को बचाने के लिए बड़ा लेनदेन किया गया है और एम.डी.एम.के भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। अब शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी अम्बेडकरनगर व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच अधिकारी हरगोविंद सिंह खंड शिक्षा अधिकारी टांडा पर दोषी कें लेनदेन का बड़ा आरोप लगाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।

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