एमएलए नितिन के विरुद्ध दलबदल अधिनियम की याचिका पर नोटिस जारी

एमएलए नितिन  के विरुद्ध दलबदल अधिनियम की याचिका पर नोटिस जारी

सपा जिलाध्यक्ष ने एमएलए को इस्तीफा देकर उपचुनाव में जनता का सामना करने की दी चुनौती हरदोई। सदर विधायक नितिन अग्रवाल बीते दिनों सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे व लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में सम्मिलित हो रहे हैं, इस पर नेता प्रतिपक्ष द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दलबदल अधिनियम के अंतर्गत याचिका

सपा जिलाध्यक्ष ने एमएलए को इस्तीफा देकर उपचुनाव में जनता का सामना करने की दी चुनौती


हरदोई। सदर विधायक नितिन अग्रवाल बीते दिनों सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे व लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में सम्मिलित हो रहे हैं, इस पर नेता प्रतिपक्ष द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दलबदल अधिनियम के अंतर्गत याचिका प्रस्तुत की गई, जिस पर नितिन अग्रवाल से जवाब तलब किया गया, परंतु अभी तक उनके द्वारा इस्तीफा न देने पर हरदोई के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा “जीतू” ने विधायक नितिन अग्रवाल से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर उपचुनाव में हरदोई की जनता का सामना करने की चुनौती दी है।

हरदोई की सदर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते विधायक नितिन अग्रवाल समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर अपने पिता नरेश अग्रवाल के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, तब से लगातार वह विधानसभा की सदस्यता बरकरार रखते हुए बिना इस्तीफा दिए भाजपा के कार्यक्रमों में सम्मिलित हो रहे हैं, जिस पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने विगत 11 नवंबर को दलबदल अधिनियम के तहत विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी

जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव विधानसभा को निर्देशित किया कि उनसे जवाब तलब करें, इस पर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने विगत 10 दिसंबर को नितिन अग्रवाल को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया, परंतु सपा नेताओं के अनुसार उन्होंने आज तक जवाब ही नहीं दाखिल किया है, व लगातार संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


हरदोई के सपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा “जीतू” ने नितिन अग्रवाल से विधायक पद से इस्तीफा देकर पुनः उपचुनाव में आकर जनता का सामना करने की चुनौती दी है,, व कहा है कि लगातार नैतिकता की दुहाई देने वाले भाजपा नेताओं में व नितिन अग्रवाल में जरा सी भी नैतिकता बची है तो वह जल्द से जल्द विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर संविधान को कलंकित करने का काम बंद करें।

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