
7वीं में पढ़ाई छोड़ सड़कों में पेन बेचा करते थे जॉनी लीवर, संजय दत्त की एक नजर पड़ने से मिला बॉलीवुड में ब्रेक
संजय दत्त ने दिया बॉलीवुड में ब्रेक
स्वतंत्र प्रभात
पुनीत कुमार
बॉलीवुड के पहले स्टेंडअप कॉमेडियन कहे जाने वाले जॉनी लीवर आज पूरे 64 सालों के हो चुके हैं। आज एक्टर करीब 350 से ज्यादा फिल्मों में बेहतरीन परफॉर्मेंस की छाप छोड़ चुके हैं, जिनके लिए उन्हें 13 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड में नॉमिनेशन मिल चुका है। हालांकि ये कम ही लोग जानते हैं कि कॉमेडियन और एक्टर जॉनी का बचपन काफी संघर्षों में बीता।
आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं कैसा था जॉनी का फर्श से अर्श पर पहुंचने का सफर 14 अगस्त 1957 में जॉनी लीवर उर्फ जॉनी प्रकाश का जन्म प्रकासम, आंध्रप्रदेश की एक क्रिश्चन-तमिल फैमिली में हुआ था।
जॉनी के दो भाई और तीन बहनें थीं जिनमें वो सबसे बड़े थे। एक्टर का बचपन गरीबी में गुजरा जिसके चलते उन्हें 7वीं तक की ही पढ़ाई नसीब हो सकी। इसके बाद जॉनी ने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए सड़कों में पेन बेचने का काम शुरू किया।
पेन बेचते हुए जॉनी बड़े फिल्मी सितारों की नकल उतारा करते थे, जिससे लोग उनकी तरफ खूब आर्कषित होते थे। इस काम में उन्हें हर दिन 5 रुपए मिलते थे, जो उस समय के हिसाब से काफी ज्यादा था।
जॉनी प्रकाश से कैसे बने जॉनी लीवर
जॉनी के पिता प्रकाश राव जनमूला मुंबई की हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री में वर्कर थे। उनके कहने पर जॉनी को भी वहां नौकरी मिल गई। यहां उन्हें 100 किलो के भारी ड्रम उठाने पड़ते थे। इसी समय साथियों का मनोरंजन करने जॉनी मिमिक्री किया करते थे, जिससे उन्हें सभी फैक्ट्री वाले जॉनी लीवर नाम से बुलाने लगे।
मिमिक्री में जॉनी इतने माहिर हो गए कि उन्हें स्टेज शोज के लिए बुलाया जाने लगा। घर के आस पास की पार्टीज में भी जॉनी मिमिक्री करके दर्शकों का मनोरंजन किया करते थे, जिसके उन्हें पैसे मिलते थे।
तिरंगे का अपमान करने के आरोप में गए जेल
ऐसे ही एक स्टेज शो के दौरान बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की उन पर नजर पड़ गई और उन्होंने जॉनी को 1989 में दर्द का रिश्ता मे जोसफ का रोल दे दिया। इस फिल्म के बाद उनके पास लगातार बड़े ऑफर आने लगे। एक्टर ने मुजरिम, काला बाजार, चालबाज, तेजाब, खिलाड़ी, आंसू बने अंगारे, कोयला, बाजीगर, अंजाम, करण अर्जुन, राजा हिंदुस्तानी, यस बॉस, अंटी नं 1, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, दुल्हे, राजा, कुछ कुछ होता है, कोई मिल गया,
हम आपके दिल में रहते हैं, अनाड़ी, बादशाह जैसी सैकड़ों फिल्मों में अपनी एक्टिंग से गहरी छाप छोड़ी है साल 2000 जॉनी के करियर का वो साल था जिसमें उनकी एक दो नहीं बल्कि पूरी 25 फिल्में रिलीज हुई थीं। इनमें दुल्हन हम ले जाएंगे, हम तुमपे मरते हैं, हद कर दी आपने, कुंवारा, जानवर, मेला, बादल, हमारा दिल आपके पास है, फिजा, राजू चारा और जोरू का गुलाम जैसी हिट फिल्में शामिल हैं।
जॉनी लीवर को साल 1998 में 7 दिनों तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा था। उन पर आरोप थे कि उन्होंने तिरंगे का अपमान किया है, हालांकि बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था। 1986 से लेकर आज तक कोई भी साल ऐसा नहीं रहा है जिसमें जॉनी लीवर की कोई फिल्म रिलीज ना हुई हो। आखिरी बार एक्टर कूली नं वन फिल्म में सारा अली खान और वरुण धवन के साथ नजर आ
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