suron ki malhar
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

कुर्सी का काला खेल, संगीत का उजला मेल

कुर्सी का काला खेल, संगीत का उजला मेल ज़िंदगी मानो  दो परस्पर विरोधी धाराओं का अखाड़ा है—एक ओर वह जो सत्ता की पिपासा में अपने कंठ को फाड़कर चीखता है, दूसरी ओर वह जो अपने सुरों की मल्हार  से  रूह को अमृतपान कराता है। राजनीति वह दलदल...
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