एक तरफ मां का अंतिम संस्कार, दूसरी तरफ धरती माता के लिए पर्यावरण संरक्षण ।

एक तरफ मां का अंतिम संस्कार, दूसरी तरफ धरती माता के लिए पर्यावरण संरक्षण । ◆आसान नहीं है दोनों दायित्वों को निभाना-अशोक◆ ए• के• फारूखी (रिपोर्टर ) ज्ञानपुर,भदोही । पर्यावरण विद व राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता की विचारधारा रही कि एक तरफ मेरी मां का जहां अंतिम संस्कार वहीं दूसरी ओर

एक तरफ मां का अंतिम संस्कार, दूसरी तरफ धरती माता के लिए पर्यावरण संरक्षण ।

◆आसान नहीं है दोनों दायित्वों को निभाना-अशोक◆

ए• के•  फारूखी  (रिपोर्टर )

ज्ञानपुर,भदोही । 

पर्यावरण विद व राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता की विचारधारा रही कि एक तरफ मेरी मां का जहां अंतिम संस्कार वहीं दूसरी ओर पर्यावरण के प्रति दायित्व निर्वहन एक कठिन चुनौती है।दोनों के प्रति दायित्वों का निर्वहन वर्तमान समय में निभाना आसान न था, किंतु असंभव भी नहीं था।

पर्यावरण संरक्षण अभियान चलाकर धरती को प्रदूषणमुक्त एवं स्वच्छ बनाए रखने हेतु दृढ़ संकल्प शक्ति को संजोए हुए राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता ने  अपनी मां के अंतिम संस्कार के दायित्वों को निभाते  हुये 1198 वे  दिन लगातार नगर के हनुमान मंदिर घोपईला पर जाकर  जामुन के वृक्ष का पौधरोपण किया।

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