हर घर नल जल योजना से घर-घर पहुंचेगा पेयजल

हर घर नल जल योजना से घर-घर पहुंचेगा पेयजल

1500 करोड़ की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों मेंं शीघ्र होगा कार्य शुरू राज्यमंत्री के प्रयासों से जिले को मिली पेयजल योजना की सौगात ललितपुर। राज्यमंत्री श्रम एवं सेवायोजन विभाग मनोहर लाल पंथ की अध्यक्षता तथा जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल एवं विधायक प्रतिनिधि श्रीकान्त कुशवाहा की गरिमामयी उपस्थिति में हर घर नल, जल योजना के तहत

1500 करोड़ की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों मेंं शीघ्र होगा कार्य शुरू

 राज्यमंत्री के प्रयासों से जिले को मिली पेयजल योजना की सौगात

ललितपुर।

राज्यमंत्री श्रम एवं सेवायोजन विभाग मनोहर लाल पंथ की अध्यक्षता तथा जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल एवं विधायक प्रतिनिधि श्रीकान्त कुशवाहा की गरिमामयी उपस्थिति में हर घर नल, जल योजना के तहत जनपद में प्रभावित क्षेत्र हेतु ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में नोडल अधिकारी इंजीनियर एवं विशेषज्ञ, राज्य पेय जल एवं स्वच्छता मिशन बृजेन्द्र लिटौरिया ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि जनपद ललितपुर के ग्रामीण अंचल में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु हर घर नल, जल योजना के अन्तर्गत मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार लगभग 1500 करोड़ रुपए की लागत से कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाना है।

इस हेतु जनप्रतिनिधियों की 4 बैठकें आहूत की गयी हैं, जिनमें उनकी सहमति और परामर्श के बाद डिटेल परियोजना रिपोर्ट/डी0पी0आर0 तैयार करके शासन को प्रेषित की जा रही है। 5 फरवरी को मंत्री-परिषद ने बुन्देलखण्ड में पेयजल हेतु उक्त योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस परियोजना से जनपद के 574 गांवों में पाइप लाइन के द्वारा घर-घर में पेयजल उपलब्ध हो जाएगा। इस सम्पूर्ण कार्य हेतु 12 योजनाएं बांध पर आधारित हैं, 4 योजनाएं बेतवा नदी पर आधारित हैं तथा 12 सोलर परियोजनाएं स्थापित होनी हैं।

वाटर वकर््स हेतु ओवर हेड टैंक आदि के लिए 30 मी0 से 50 मी0 लम्बी, चौड़ी भूमि तथा जल शोधन संयंत्र हेतु 100 मी0 लम्बी तथा 100 मी0 चौड़ी भूमि की आवश्यकता होगी। उन्होंने सम्बंधित ग्रामों से भूमि उपलब्ध कराने हेतु जिलाधिकारी से अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि उक्त परियोजना के अंतिम रुप से तैयार हो जाने के उपरान्त सन् 2020 ये 2022 तक पूर्ण होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और सम्बंधित कार्यदायी संस्था को 10 वर्ष तक संचालन एवं अनुरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

इसके उपरान्त जिलाधिकारी द्वारा योजना के तहत आच्छादित किये जाने वाले ग्रामों के राजस्व ग्राम एवं मजरे के सम्बंध में विस्तृत जानकारी ली गई तथा छूटे हुए राजस्व ग्रामों एवं मजरों तथा अधिक दूरी वाले ग्रामों को कम दूरी वाले ग्रामों में जोडऩे हेतु कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत ओवरहेड टेंक सर्वाधिक ऊचाई वाले स्थान पर बनाये जायें, जिससे योजना के तहत पानी की आपूर्ति सुगमतापर्वूक सभी जगह हो सके। 

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