खुलेआम बिक रहे मुर्गे मांस मछली से लोगों में भय का माहौल
कोरोना वायरस के खौफ में जी रहे लोगों ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की करी मांग अस्थायी बाजार में हजारों की संख्या में दूर दराज से आते हैं लोग ब्यूरो रिपोर्ट -जयदीप शुक्ला तरबगंज,गोण्डा-चीन के बुवान शहर से पनपकर कोरोना वायरस ने विश्व के कई देशों में दस्तक दे दी है। कोरोना वायरस का अभी
कोरोना वायरस के खौफ में जी रहे लोगों ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की करी मांग
अस्थायी बाजार में हजारों की संख्या में दूर दराज से आते हैं लोग
ब्यूरो रिपोर्ट -जयदीप शुक्ला
तरबगंज,गोण्डा-
चीन के बुवान शहर से पनपकर कोरोना वायरस ने विश्व के कई देशों में दस्तक दे दी है। कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज न होने के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
भारत मे भी अभी तक 89 मरीज उक्त वायरस के मिल चुके हैं जिसमे से दो की मौत भी हो चुकी है।
प्रदेश सरकार भी कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए हाई अलर्ट मोड पर आ गयी।
इसके लिए अस्पताल में इलाज के लिए स्पेशल व्यवस्था के साथ ही प्रदेश के सभी विद्यालयों को 22 मार्च तक बंद रखने का आदेश दे दिया है।
जिलाधिकारी गोण्डा डॉक्टर नितिन बंसल ने भी कड़ी चौकसी के तहत विद्यालयों को बंद करने के साथ ही जागरूकता फैलाने का उचित प्रबंध कर रखा है।लोगों को भीड़ भाड़ वाले स्थानों से बचने की भी सलाह दी है।
उक्त सारी व्यवस्थाओ को देखते हुए स्थानीय क्षेत्रवासियों ने तरबगंज में लगने वाली अस्थायी बाजार जो प्रत्येक शनिवार व बुधवार को लगती है उसे फिलहाल बंद करवाने की मांग की है।
उक्त अस्थायी बाजार में अनुमान है कि 5-6 हजार की संख्या में लोग तहसील क्षेत्र के दूर दराज इलाके से आते है व अपने जरूरत के सामान खरीद कर ले जाते हैं।
अस्थायी बाजार में धड़ल्ले से खुले में बिक रहे मुर्गे बकरे के मांस व मछली
ये अस्थायी बाजार महाराजा देवी बख्श सिंह इंटर कालेज के मैदान में लगती है।हजारों की संख्या में लगने वाली दुकानों में बाजार से सटकर ही खुले में मांस व मछली की दुकानें भी लगी रहती है जो व्यापक गंदगी फैलाने का काम करती हैं।चील कौवे व कुत्ते उक्त गंदगियों को फैलाने में भरपूर सहयोग करते हैं।जिससे भयभीत स्थानीय लोगों ने तत्काल मीट मांस की दुकानों को बंद करवाने की मांग करी है।
उंन्होने बताया एक तरफ कॅरोना वायरस ने जहां लोगों में खौफ पैदा कर रखा है तो वहीं दूसरी तरफ मीट मांस विक्रेताओं ने क्षेत्रवासियों में खौफ के माहौल को और बढ़ाने का काम कर रखा है।
बाजार के चारो तरफ खुले कई विद्यालय के बच्चों पर भी पड़ रहा बुरा असर
इन्टरकालेज के मैदान में लगने वाली अस्थायी बाजार के पास ही सटे हुए कई विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
महाराजा देवी बख्स सिंह इंटर कॉलेज के साथ ही न्यू लखनऊ कान्वेंट स्कूल,जुपिटर पब्लिक स्कूल,टैगोर पब्लिक स्कूल के साथ ही एक मदरसा भी चल रहा है।
उक्त सभी स्कूलों में भी अनुमान है कि 5-6 हजार बच्चे पढ़ रहे है।
स्कूल के दिनों में लगने वाली बाजार में खुले में बिक रहे मांस व मंछली से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।बच्चों के अभिभावकों को भी इन उठाईगिरी दुकानों में बिकने वाले मांस मंछली से काफी दिक्कतें हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन पता नही क्यों इस समस्या से अनजान बना हुआ है व इनपर लगाम लगाने में फेल है।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के निवासी व उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनय तिवारी ने बताया कि कोरोना वायरस को डब्ल्यूएचओ ने महामारी घोषित कर रखा है।प्रदेश सरकार ने सावधानी बरतने के साथ ही सभी विद्यालयों को बंद कर दिया है।सरकार ने कर्मचारियों को जागरूकता फैलाने के लिए कहा है।इससे बचाव के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान देना होता है लेकिन जिस तरीके से उठायी बाजार में खुले में मांस मछलियां बिक रही है ये कोढ़ में खाज पैदा करने वाली समस्या बन सकती है।इसे तत्काल स्थानीय प्रशासन को बंद करवाना चाहिए व इस अस्थायी बाजार में जो हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं इसके लिए भी प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।
तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा कटहा के निवासी हंसराज पाण्डेय ने कहा कि सरकार द्वारा एक तरफ कॅरोना वायरस से बचाव के लिए सभी विद्यालयों को बंद करने के साथ ही कई उपाय किये जा रहे हैं लेकिन यहां खुले में मुर्गे मछली बकरे के मांस बिक रहे हैं व बगल में ही साग सब्जी व अन्य जरूरत के सामान बिक रहे है।
एक तरफ सरकार कहती है इकट्ठा लोग खड़े होकर नजदीक में मेल मिलाप बातचीत न करें वही दूसरी तरफ इस उठायी बाजार में हजारों की संख्या में लोग आते है जिससे कॅरोना वायरस फैलाने का भय है।
स्थानीय बाजार के निवासी नंद किशोर तिवारी ने बताया कि सरकार द्वारा कॅरोना वायरस से बचाव के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है लेकिन उक्त उठायी बाजार में 5 से 6 हजार पब्लिक आती है एवम खुले में मांस मंछली की बिक्री द्वारा सरकार की व्यवस्था पर कुठाराघात किया जा रहा है।
शासन प्रशासन को कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि जब तक कॅरोना वायरस का भय है तब तक के लिए यहां इतनी संख्या में भीड़ एकत्रित न हो।
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