कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को दुगनी आय के लिए दिया प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को दुगनी आय के लिए दिया प्रशिक्षण

स्वतंत्र प्रभात हमीरपुर (कुरारा ) कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा हमीरपुर वा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में केवीके सभागार में दो दर्जन से अधिक कृषकों को पशुपालन व कृषि से संबंधित प्रशिक्षण के साथ संजीव प्रर्दशन भी वैज्ञानिकों द्वारा दर्शाया गया। प्रशिक्षण के कार्यक्रम को दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए डॉ. मोहम्मद मुस्तफा

स्वतंत्र प्रभात

हमीरपुर (कुरारा )

कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा हमीरपुर वा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में केवीके सभागार में दो दर्जन से अधिक कृषकों को पशुपालन व कृषि से संबंधित प्रशिक्षण के साथ संजीव प्रर्दशन भी वैज्ञानिकों द्वारा दर्शाया गया। प्रशिक्षण के कार्यक्रम को दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए डॉ. मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण चलाए जा रहे हैं।आरसेटी के अधिकारियों व कर्मचारियों से आवाहन किया कि अधिक से अधिक कृषकों को केंद्र में लाकर तकनीक से लाभान्वित करे,तभी तकनीक के हस्तांतरण से किसानो का कृषि के क्षेत्र में विकास हो सकेगा। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एसपी सोनकर ने नवाचार कृषि प्रसार तकनीक को बढ़ावा पर बल देते हुए। कड़कनाथ मुर्गा के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कड़कनाथ मुर्गा को जो विशेष पहचान और खासियत है

उसका रंग काला, गोश्त काला, खून काला, हंड्डी काली, व अंडा काला होता है। काले मीट के रूप में जाना जाता है कड़कनाथ मुर्गा में प्रोटीन व आयरन अधिक होता है। तथा कोलेस्ट्रॉल वसा समान्य मुर्गे की तुलना में कम होता है।डॉक्टर सोनकर ने बताया कि इस मुर्गे को खाने से पाचन अति शीघ्र हो जाता है। इसके अतिरिक्त कई रोगों के प्रति सहनशक्ति भी है। साथ ही स्वास्थ्यवर्धक,क्षमता वर्धक जैसे विशेष गुण के लिए अपनी पहचान रखता है। यह मुर्गा 3.5 से 4 महीने में तैयार हो जाता है

और बाजार में सामान्य मुर्गे की तुलना में 800 से 1000 रूपये प्रतिग्राम बेचकर किसान भाई अधिक से अधिक लाभ कमा सकते हैं।सजीव पद प्रर्दशन के लिए पशुपालक इकाई में थारपारकर गाय वर्ष भर बहुवर्षीय चारा किसान भाइयों को दिखाया। केवीके से प्रेरणा लेकर अपने क्षेत्र में भी करने के लिए उत्साह पूर्वक किसान तैयार हुए। डॉक्टर फूल कुमारी ने पोषक वाटिका पर चर्चा करते हुए परिवार के लिए गुणवत्ता युक्त सब्जी उत्पादन के साथ मूल्य संवर्धन पर बल दिया। इस मौके पर वनाया पांडे, योगेंद्र कुमार, विनीत अग्रवाल भी मौजूद रहे।

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