धान खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप,  क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा ,खाली पड़ी कुर्सिया किसानों के कागजो  पर धान मिलो और बिचौलियों का खरीदा जा रहा धान 

ना किसान और ना ही धान की आमद फिर भी रोजाना हो रही सैकड़ो टन धान की खरीद आखिर यूज किसका खरीदा जा रहा क्रय केदो  पर धान - यक्ष प्रश्न  कागजी आंकड़ों की बाजीगरी में बिचौलिया ,मिलर तथा सेंटर इंचार्ज हो रहे मालामाल 

धान खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप,  क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा ,खाली पड़ी कुर्सिया किसानों के कागजो  पर धान मिलो और बिचौलियों का खरीदा जा रहा धान 

लखीमपुर खीरी
 
जनपद में किसानों को उनकी धान की फसल का उचित मूल्य दिलाने की मंशा से सरकार द्वारा क्रय केंद्रों के माध्यम से की जा रही सरकारी धान खरीद प्रक्रिया पर गंभीर सबाल खड़े हो रहे हैं। जनपद खीरी में उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का धान खरीद प्रक्रिया पर असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। धान खरीद प्रक्रिया में बिचौलिए की सक्रियता होने के आरोप लगाए जा रहे हैं धान  खरीद की जमीनी पड़ताल को गए हमारे संवाददाता ने मंडियों में क्रय केंद्रों की धरातली हकीकत जानने का प्रयास किया तो पता चला कि केदो पर धान की आवक ना के बराबर है।
 
कई किसानों ने तो आन कैमरा बताया कि क्रय केदो पर सेटिंग गेटिंग और रसूखदारों का ही धान खरीदा जाता है ।अब तक अधिकांश किसान अपनी धान की फसल औने पौने दाम बिक्री कर चुका  है ।और शायद यही कारण है कि मंडियों में लगे क्रय केदो पर सन्नाटा पसरा है।क्रय केंद्रों पर केंद्र प्रभारियों की कुर्सियां खाली पड़ी है बैनर गायब हैं ।और किसानो  की आवक भी ना के बराबर है फिर भी केंद्र प्रभारी मिल मालिकों आढ़तियों और बिचौलियों की मिली भगत से रोजाना हजारों कुंतल धान की खरीद   महज कागजों पर हो रही है।
 
अहम सवाल यह है कि जब  मंडियों में ना तो किसानों की ट्रालियो की आवक है और क्रय केंद्रों  पर सारा दिन सन्नाटा पसरा रहता है केंद्र प्रभारी केंद्रों से लापता रहते हैं तो फिर किसका खरीदा जा रहा धान?और कहां से हो रही हजारों टन धान की खरीद, यक्ष प्रश्न बना हुआ है ?धान खरीद की जमीनी पड़ताल को मंडियों में गए हमारे संवाददाता ने जब इस धान खरीद के जादुई आंकड़े जुटाना का प्रयास किया तो हकीकत कुछ और ही नजर आई जो सरकार की धान की खरीद नीति पर सवाल खड़े करने को काफी है।
 
नवीन गल्ला मंडी  ,मोहम्मदी, गोला, लखीमपुर, तिकुनिया , में सुबह से शाम तक केंद्रों पर  एक भी किसान नहीं दिखाई दिया, केंद्रों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया लेकिन धान खरीद कागजों पर हर केंद्र पर हो गई ।जब कई केंद्र प्रभारियो  के करिंदों और केंद्र प्रभारी से जानकारी चाहि तो ऑन कैमरा बताया आप भी जानते हैं सब मैं छिपाता कुछ नहीं यहां  पर धान नहीं आता है केवल कागज किसानों के आते हैं। धान  मिलर का खरीदा जाता है अब किसान केपास धान बचा कहा है जो मंडियों में आयेगा?
 
बात रही धान खरीद लक्ष्य की तो लक्ष्य धान  मिलर और आढ़तियों से पूरा होता है यह व्यवस्था नई नहीं है आप भी जानते हो और मैं भी जानता हूं जो यह साबित करता है कि किसान को सरकारी मूल्य का लाभ कम ही मिलता है ।बिचौलिया जरूर लाल हो जाते हैं। यदि दिनांक 15 दिसंबर 2025 को गल्ला मंडी में लगे क्रय केंद्र प्रभारी द्विवेदी के कारनामों पर एक नजर डालें तो जब केंद्र प्रभारी द्विवेदी से जानकारी चाहि गई तो उन्होंने बताया कि उनकी 15/12/2025की खरीद शून्य है यह कथन शाम 5:30 का है जब उन्होंने अपने केंद्र की खरीद ऑन कैमरा शून्य बताइ कि उनके केंद्र की खरीद शून्य है ।
 
मज़े की बात यह है कि केंद्र भी बंद रहा कोई ट्रॉली भी नहीं आई और उनके केंद्र पर ऑनलाइन डाटा में 29 टन धान की खरीद हो गई, जो सवाल पैदा करती है कि आखिर यह धान  कहां से आया और कौन तथा कब  लेकर आया? सूत्रों ने बताया ने  कि केंद्र प्रभारी से लेकर एम ओ, विपणन प्रबंधक सहित ए.आर.कोऑपरेटिव तक मिल रहे हैं सहयोग के चलते और सरकार द्वारा मिले लक्ष्य को पूरा करने की सोची समझी व्यवस्था के तहत खेल चल रहा है। सूत्रों का आरोप है कि प्रति कुंतल लगभग ₹700 का बंटवारा  मिल मालिक से लेकर ऊपर तक पहुंचता है ।
 
इसमें ट्रांसपोर्टर की भी भूमिका अहम बताई जाती है  मंडी मे धान की ट्रॉली भले नहीं दिखी पर दूर-दूर से कुछ किसान जरूर कागज लिए मंडी में दिखाई दिए ।जब कागज लिए किसानों से संवाददाता द्वारा बातचीत कर जानकारी की गई तो किसानों ने बताया कि वह कागज जमा करने आए हैं। जो यह साबित करता है कि धान खरीद प्रक्रिया में जादूईआंकड़ों की बाजीगरी का खेल चल रहा है ।
 
किसानों को मिलने वाला फायदा किसी तीसरे की जेब का वजन बढ़ा रहा है। फिलहाल मामला जांच का विषय बना है यदि धान बेचने वाले किसानों की जमीनों के रकबे और कुल रकबे में से कितने रकबे में धान बोए गए थे और कितने में गन्ना बोया है कि करा ली जाए जांच तो एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा होना तय होगा और राजस्व विभाग के जिम्मेदारों से लेकर पुरी धान प्रक्रिया में लगे जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका होगी सबालो के घेरे मे  और तय होगी जवाब देही।
 

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