ग्राम पंचायत सचिवालय बने औपचारिक, ग्रामीणों की समस्याओं का नहीं होता निस्तारण

ग्राम पंचायत सचिवालय बने औपचारिक, ग्रामीणों की समस्याओं का नहीं होता निस्तारण

कछौना, हरदोई। ग्रामीणों को मूलभूत आवश्यकताओं व जनसमस्याओं को लेकर ब्लॉक व जिला मुख्यालय के चक्कर लगाना नहीं पड़े, इसलिए सरकार शिकतों का निस्तारण हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सचिवालय की सुविधा प्रदान की। ग्राम सचिवों को ग्राम सभा में रोस्टर के अनुसार ग्राम सचिवालय में बैठकर जनसुनवाई करना है, परंतु ग्राम सचिव ग्राम सभा के सचिवालयों में न बैठकर ब्लॉक मुख्यालय के आवासों को कार्यालय बना रखा है। यहीं से कार्य का निस्तारण करते हैं। जिसके कारण दूर-दराज से ग्रामीण ब्लॉक मुख्यालय के चक्कर काटने को विवश है।
 
ऑपरेशन कायाकल्प के साथ ग्राम सभाओं के ग्राम सचिवालय की दशा को सुधारा गया था। इनमें बुनियादी सुविधाओं को भी सही कराया गया था। कंप्यूटर, विद्युतीकरण, वाईफाई इंटरनेट, शौचालय, सभागार, सचिव, ग्राम प्रधान कक्ष आदि की सुविधा मुहैया कराई गई थी। सप्ताह में एक दिन रोस्टर के अनुसार ग्राम सचिव को बैठना था। जिससे ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। ग्राम सचिवालय में आम जनमानस को ऑनलाइन आवेदन भरने की सुविधा, खसरा, खतौनी की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा, राशन कार्ड पेंशन आवेदन, सामूहिक शादी आवेदन, निःशुल्क बोरिंग योजना के आवेदन, सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ मिलेगा, परंतु ग्राम विकास की अनदेखी के चलते जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन न होने के कारण ग्रामीण दर-दर भटकने को विवश है।
 
देखरेख के अभाव में लाखों रुपए के खर्च होने के बाद भी ग्राम सचिवालय शो-पीस बने हैं। इन सचिवालयों में समय अवधि में खुली बैठक भी नहीं होती है। जिनमें ग्रामीण बैठकर गांव के विकास की चर्चा कर कार्य योजना तैयार कर सकते हैं। अभी तक कई ग्राम सचिवालय जर्जर अवस्था में है। खंड विकास अधिकारी कछौना विजय नारायण राजपूत ने बताया ग्राम सचिवों को रोस्टर के अनुसार बैठने का प्रावधान है, जांच कराई जाएगी, जो भी रोस्टर के अनुसार ग्राम सचिवालय में उपस्थित नहीं मिलेगा, उसके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।

About The Author

Post Comment

Comment List

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

संजीव -नी।
संजीव-नी।
संजीव-नी|
संजीव-नी|
संजीव-नी।