पुलिस दर्ज नही कर रही मुकदमा, प्रधान परेशान

पुलिस दर्ज नही कर रही मुकदमा, प्रधान परेशान

अम्बेडकर नगर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में भ्रष्टाचार करने में अधिकारी व कर्मचारी बाज नहीं आ रहे विकास कि गंगा बहाने के लिए सरकार तरह तरह की योजनाएं ला रही है। तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने में भी पीछे नहीं हैं।जनपद के विकास खण्ड रामनगर के अन्तर्गत मकरही ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के मामले में हरिपाल के द्वारा आइ.जी.आर.एस.पर शिकायत दी गई थी जिस पर ग्राम पंचायत अधिकारी घनश्याम वर्मा तथा खण्ड विकास अधिकारी हौसला प्रसाद द्वारा ग्राम प्रधान मंशाराम यादव का फर्जी हस्ताक्षर कर निस्तारण का मामला तूल पकड़ रहा है।
 
ग्राम पंचायत अधिकारी घनश्याम वर्मा द्वारा बिना जांच किए ही खण्ड विकास अधिकारी से मिलीभगत कर शिकायत का निस्तारण कर दिया गया। शिकायत निस्तारण में सबसे बड़ा फ्रॉड सामने आया जिसमें ग्राम प्रधान मंशाराम का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर निस्तारण किया गया। इसकी जानकारी जब ग्राम प्रधान मंशाराम को हुई तो उन्होंने इसका अधिकारियों के सामने विरोध करते हुए आरोप लगाया कि निस्तारण आख्या पर उनका फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। ग्राम प्रधान मंशाराम ने यह भी कहा की जितने भी अधिकारी के साइन आई.जी.आर.एस. पर किए है सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराऊंगा लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
 
मामले को लेकर आलापुर थाना अध्यक्ष को 07/07/ 2024 को तहरीर दी गई मेरा फर्जी हस्ताक्षर करके मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जिससे मेरी छवि ग्राम पंचायत में खराब हो रही है। प्रधानमंत्री आवास गरीबों तक न पहुंच कर भारत सरकार की छवि खराब कर रहे हैं। मामले में जब एस एस ओ आलापुर राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एप्लीकेशन मुझे नहीं मिला था लेकिन अभी देखते हैं अगर शिकायत पत्र दिया गया होगा तो मुकदमा लिखा जाएगा प्रधान को बुलाया गया है।
 
तहरीर देने के बाद मुकदमा दर्ज करने के बजाय पीड़ित को या तो गोल गोल घुमाया जाता है या तो टाल मटोल किया जाता है। जनपद के कप्तान की क्षवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। एस एच ओ आलापुर द्वारा मामले के बारे में बात की गई तो संतोष जनक जवाब नहीं मिला केवल गोल गोल बाते कर घुमाया गया और फिर कहा कि ऐसे भी आप हमारे फेवर में खबर लगाते नहीं है हमारे विपक्ष में हमेशा खबर लगाते हैं। ऐसे छोटे-मोटे मुकदमा के लिए हमारे पास समय नहीं है जो जरूरी काम है वह काम हम पहले करेंगे उसके बाद ही जब समय मिलेगा तो मुकदमा दर्ज करेंगे जो छापना हो आपको छापिये फिलहाल और भी मामले ऐसे हैं जिसमें अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है वे पहले विवेचना करते हैं फिर मुकदमा दर्ज करने की बात कहते हैं। आखिर जनता के साथ के फ्राड और शासकीय गमन जैसे मामले इनके लिए छोटे आलापुर एस एच ओ का एक अलग ही सिस्टम कैसे? कप्तान साहब भी सब कुछ जानते हुए मौन क्यों है पता नहीं।
 

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