अमृत सरोवर के नाम पर ग्राम पंचायतों में जमकर हुआ भ्रष्टाचार

कहीं सूखे पड़े तालाब तो कही अव्यवस्था का अंबार फिर कैसे हो सरकार की मंशा साकार

अमृत सरोवर के नाम पर ग्राम पंचायतों में जमकर हुआ भ्रष्टाचार

अमृत सरोवर बन रहा अधिकारियों के गले का फास,जानकारी देने से काट रहे कन्नी

बलरामपुर जल संरक्षण और किसानों को सिचाई का लाभ देने के लिए सरकार के द्वारा तमाम विकास खंडों में अमृत सरोवर बनाने की योजना को लेकर लाखों और करोड़ों रुपए सरकार पानी की तरह बहा रही है लेकिन जल संरक्षण के लिये बने अमृत सरोवरों की जो तस्वीर उभर कर सामने आ रहे हैं उसमें व्यापक भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। 
 
अगर बात की जाए जनपद बलरामपुर की तो यहां पर तमाम विकास खंडों में अमृत सरोवर बनाने की कवायत युद्ध स्तर पर किया गया है लेकिन सर्वे के आधार पर अगर बात की जाए तो तमाम अमृत सरोवर में कुछ ही सही सलामत और मानक के साथ है बाकी का हाल बेहद बुरा है कहीं पर तालाब खुदवा दिया गया है पानी नहीं है तो कहीं पर अवस्थाओं का अंबार देखा जा रहा है तो कही पुराने जमाने के बने तालाब को ही अमृत सरोवर बता विभागीय स्तर पर खेल हो गया जो जांच का विषय है ।जबकि जिम्मेदार अधिकारियों का यह दावा है
 
कि अमृत सरोवर बनने से एक तरफ किसानों को फायदा होगा तो वहीं दूसरी तरफ पशु पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकेंगे लेकिन अक्सर विकासखंडो के ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा हुआ है जिसमे स्थानीय ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों और सचिवों के माध्यम से व्यापक भ्रष्टाचार का खेल खेला जाने की बात सामने आ रही है।
 
जबकि कुछ अमृत सरोवर को माननीय द्वारा गोद लेने की बात भी सामने आ रही है जिसमे सिर्फ जुमला बाजी ही सामने आ रही है व्यवस्थाओं को देखने के बाद ऐसा लगता कि अमृत सरोबर के नाम पर सिर्फ बंदरबाट का खेल हुआ है बाकी तस्वीर सच बताते हैं ।
 
इस संबंध में जब विकासखंड तुलसीपुर के विकास खण्ड अधिकारी से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि मैं समाधान दिवस में हूँ बाद में बात करता हूँ जिसके बाद सहायक खंड विकास अधिकारी किशोर श्रीवास्तव से बात की जाती है और उनसे विकासखंड तुलसीपुर के अमृत सरोवर कितने का उत्तर मांगा जाता है तो कन्नी काटते हुए नजर आए और बताते हैं कि उत्तर मेरे पास नहीं खंड विकास अधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी के पास मिल सकता है अब यहां सवाल यह उठता है कि जब विकासखंड के जिम्मेदार ही इस प्रकार की बात करेंगे तो भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगेगा बड़ा सवाल ।

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