जहांगीराबाद में नहीं हुई सफाई। चारों ओर बजबजाती नालियां।

नाला कूड़ा करकट से पटे‌, जगह जगह लगे कूड़े के ढेर।

जहांगीराबाद में नहीं हुई सफाई। चारों ओर बजबजाती नालियां।

भयंकर गंदगी से उठ रही दुर्गंध से संक्रमण की संभावना।

बिसवां (सीतापुर)। बिसवां की ग्राम पंचायत जहांगीराबाद में काफी समय से नालियों की सफाई न होने से कूड़ा करकट से पटकर जगह जगह बजबजाती नजर आ रही हैं।कई जगहों पर तो नालियों से निकल कर गंदा पानी रास्तों पर भी रिसने लगा है जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। गांव में जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हैं जिनमें दुर्गंध उठ रही है जिससे किसी भी समय संक्रमण फैल सकता है। कस्बे में काफी समय से नालियों की सफाई नहीं करायी गयी है जिससे कस्बा के दक्षिण - पश्चिम मुहल्ले के नाला नालियों का हाल‌ बहुत ही खराब है। यार अली के घर के पास से लेकर रामप्रसाद बाल्मीकि के घर के पास होते हुए पुलिया तक जाने वाली नालियां और नाला कूड़ा करकट और कीचड़ तथा गंदे पानी से भरी हुई है जिनमें दुर्गंध उठ रही है।
 
 गौरतलब है कि जहांगीराबाद ग्राम पंचायत में जहांगीराबाद के अतिरिक्त अन्य आठ मजरा गांव इसी ग्राम पंचायत में जुड़े हुये हैं जिनकी जहांगीराबाद से दूरी लगभग चार किलोमीटर तक है।आबादी के लिहाज से भी ग्राम पंचायत की आबादी भी पन्द्रह से बीस हजार के लगभग है। लगभग पन्द्रह वर्षों से कोई भी सफाई कर्मी ग्राम पंचायत में नहीं रहा। इधर कुछ महीनों से एक सफाई कर्मी की नियुक्ति हुई थी जिसका भी स्थानान्तरण कहीं और  हो गया है। रोस्टर के द्वारा केवल प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय की ही सफाई होती थी। गांव में सफाई कर्मी साफ सफाई नहीं करते थे।नियम के अनुसार प्रत्येक राजस्व गांव में एक ही सफाई कर्मी की नियुक्ति होती है परन्तु जहांगीराबाद ग्राम पंचायत बड़ी ग्राम पंचायत है जिसमें छठवान, फरदापुर, मवासेपुर, मीनापुर, गनुवापुर, रघुनाथपुर,अहरोरी, दानपुरवा व  कहारनपुरवा आदि आठ मजरा गांव भी शामिल हैं। आबादी को देखते हुए एक सफाई कर्मी पूरी ग्राम पंचायत तो दूर जहांगीराबाद गांव की सफाई भी नहीं कर पाता है और जल्द ही ट्रांसफर करा कर भाग जाता है।
 
 इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मुनीर अहमद अंसारी ने बताया कि बहुत समय के बाद जहांगीराबाद में एक सफाई कर्मी की नियुक्ति हुई थी। उसने भी बिना बताये  अपना ट्रांसफर कहीं दूसरी जगह करा लिया है।इस समय कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं है जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि जहांगीराबाद में नालियों को साफ करने वाले मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मैं कुछ दूरी पर स्थित दूसरे गांव वाले जमादारों से सम्पर्क कर बरसात से पहले नालियों की सफाई करवाने का प्रयास करूंगा।
 
इस बारे में ए०डी०ओ० (पंचायत) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सफाई कर्मी का ट्रांसफर हो गया है। सफाई कर्मियों की कमी के कारण मजबूरी में रोस्टर से सफाई करायी जा रही है जिससे न्याय पंचायत के लगभग आधा दर्जन सफाई कर्मी सप्ताह में एक दिन ग्राम पंचायत जाकर सफाई करते हैं।
 
आबादी के लिहाज से जहांगीराबाद ग्राम पंचायत बड़ी ग्राम पंचायत है, जिसमें कम से कम तीन सफाई कर्मी रेगुलर चाहिए। जल्द ही बरसात से पहले सफाई कर्मियों की वैकल्पिक व्यवस्था कराकर जहांगीराबाद ग्राम पंचायत में भेज कर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराऊंगा। कस्बे के डॉ० फुरकान, यार अली, इशरत अली, इंसान अली, मोहम्मद रफी, लल्लन, शौकत, गुफरान, नसीम, सलीम, आसिफ, हासिम, मो० आलम, खुर्शीद आलम, रफी, हुजेफा व शेर अली सहित दर्जनों लोगों ने तुरंत नाला व नालियों की सफाई कराये जाने की मांग की है।
 
ड्रीम प्रोजेक्ट कूड़ा निस्तारण केन्द्र बना शोपीस
 प्रधानमंत्री के सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जहांगीराबाद ग्राम पंचायत में लगभग बारह लाख रुपया खर्च कर एक ठोस एवं अपशिष्ट कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया गया था जो सिर्फ शोपीस बना हुआ है। उसे आज तक शुरू नहीं किया जा सका है। वह सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है।कस्बा व गांवों से निकलने वाला कूड़ा सड़क किनारे डाला जा रहा है जिसमें दुर्गंध उठ रही है।  कूड़ा निस्तारण केन्द्र न शुरू हो पाने के बारे में ए०डी०ओ०(पंचायत ) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार घरों व‌ दुकानों से निर्धारित शुल्क लेकर  उसी से कर्मचारियों को रखना था लेकिन शुल्क प्राप्त न हो पाने से ड्रीम प्रोजेक्ट को शुरू नहीं किया जा सका है।
 
 
 
 
 

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