अक्षय रामनाम भक्तों को देता है अभीष्ट सिद्धि : राघव ऋषिजी

भगवान की बाललीला भक्तों की आनंद

अक्षय रामनाम भक्तों को देता है अभीष्ट सिद्धि : राघव ऋषिजी

गोलाबाज़ार गोरखपुर। प्रभु श्री राम की असीम कृपा से पी. एच. इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल कुशलदेइया उरुवा में चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा के तृतीय दिवस काशी से पधारे अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वक्ता श्री विद्या सिद्ध संत ज्योतिष सम्राट पूज्य श्री राघव ऋषि जी ने दिव्य रहस्य उद्घाटित करते हुए कहा कि अपने वचन पालन हेतु प्रभु मानव रूप में अवतरित हो सम्पूर्ण जगत के आधार जिनकी सत्ता में समस्त सृष्टि चलायमान हो रही है जिसमें ब्राम्हणों, गौ, देवों, संतों हेतु स्वयं की इच्छा से पधारे जिनके स्वरुप को देख भक्तमोहित हो जाते हैं।
 
कथा के क्रम को आगे  बढ़ाते हुए पूज्य श्री ने कहा कि जिसने भी रामजन्म का समाचार सुना जिसके पास जो कुछ भी था किसी ने अपने पास नहीं रखा सब भेटकर दिया। भगवान की बाललीला का वर्णन करते हुए पूज्यश्री ने कहा कि राजा दशरथ कौशल्या दोनों अत्यंत प्रसन्न मन से उत्साहित हो धन, सुवर्ण का दान कर उत्सव मनाया। चारों भाई बड़े हो रहे हैं ।
जीवन में जब भगवान से मिलन हो जाता है तब और कुछ भी कामना नहीं रह जाती परमात्मा से मिलने के पश्चात अब कुछ पाने की इच्छा ही नहीं रही।
 
समयानुकूल गुरुदेव की सन्निधि में संस्कारों से बांधा। पूज्यश्री ने कहा की प्रभु के बाल रूप दर्शन की कामना पूर्ण हुई जिन्हें यह अवसर भी अल्प जान पड़ा। समय ऐसे बीत रहा की दिन  और रात का पता ही नहीं चल रहा। भगवान से मिलन की कामना किसकी नही होंगी जिनके स्वरुप को अपलक देख मन को विश्राम मिल जाता है। प्रभु के नाम का न मिटने वाला अर्थात अमिट प्रभाव है जिनकी कृपा सब भक्तों पर समान रूप से मिलती आ रहा है।
 
बाललीला के प्रसंग में "चारो ललवा प्रगट भए आज अवध में लडुआ बटे" मोहक मधुर भजन सुना सौरभ जी ने भक्तों को झूमने पर विवश किया अपार जन समूह बालस्वरुप का दर्शन निहाल हुए। कथा के मुख्य यजमान  मनोज कुमार उमर वैश्य सहित भक्त श्रोताओं ने भव्य आरती कर पुण्यलाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर कथा स्थल पर क्षेत्र के लोग भारी संख्या में पहुच कर कथा का रसपान कर अपने को बिभोर हो रहे है।

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