डीटीसी के क्लस्टर बसों के ऑपरेटर्स को HC से 15 दिन की मोहलत,हजारों नौकरी का खतरा बरकरार
स्वतंत्र प्रभात।एसडी सेठी।
दिल्ली। दिल्ली में क्लस्टर बसों का संचालन कर रहे बस ऑपरेटरों को 19 जून को खत्म हो रहे काॅटेक्ट के मामले में हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है। कांट्रैक्ट की समय सीमा बढाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे तीन आपरेटररो की याचिका पर अदालत ने सुनवाई की।इस मामले में दिल्ली सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अवकाशप्राप्त पीठ ने कांट्रैक्ट को 15 जुलाई तक बढाने और आपरेटरो को बसों के संचालन के लिए समय सारणी उपलब्ध कराने के आदेश दिए है। इस मामले में अब 15 जुलाई को रोस्टर बैंच सुनवाई करेगी।दिल्ली में.क्लस्टर बसों के 7 डिपो में संचालित 997 बसों का कांट्रैक्ट 19 जून को खत्म हो रहा है।इनमें राजघाट,कैर, ढाचाऊं कलां,बीबीएम-2,सीमा पुरी,दिलशाद गार्डन और ओखला सेंट्रल वर्कशाप शामिल है।इन डिपो से 997 बसों का संचालन रोजाना होता है।
बस को संचालन करने वाली 3 कंपनी ने इसी साल फरवरी महीने में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।इसमें उन्होंने कांट्रैक्ट की अवधि बढाए जाने की मांग की थी।हाईकोर्ट ने तब उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद मैट्रो ट्रांजिट प्राईवेट लिमिटेड, एंटोनियो ट्रांसपोर्ट सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड और गोवर्धन ट्रांसपोर्ट कंपनी प्राईवेट लिमिटेड की ओर से कांट्रैक्ट की अवधि बढाए जाने की मांग के लिए 5 जून को दोबारा याचिका दाखिल की गई थी।
अदालत ने इस पर बीती 10 जून को सुनवाई की थी।दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें 15 दिन की मोहलत दी जाए। उल्लेखनीय है कि इस मामले में 5 डिपो के बस कंडक्टरों का विरोध जारी है। कंडक्टरों का कहना है कि कांट्रैक्ट खत्म होने बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। उनका दर्द है कि कांट्रैक्ट का महज 1 महीना बढ जाने से उनकी समस्या का समाधान नही हुआ है।उन्हें नौकरी के बदले नौकरी दिलाई जाए। बता दें कि क्लस्टर बसों के हजारो स्टाफ कंपनी केकांट्रैक्ट खत्म होने की वजह से पक्के इंप्लाइज तक बेरोजगार हो गए है।
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