महिलाओ की शादी की उम्र 21 वाला विधेयक खत्म
स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी
17 वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही पुरूषों और महिलाओ के लिए शादी की उम्र में समानता लाने वाला विधेयक समाप्त हो गया है।बाल विवाह निषेध(संशोधन) विधेयक 2021 को लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद इस विधेयक को शिक्षा ,महिला,बच्चे,युवा,और खेल संबंधी स्थाई समिति के पास भेजा गया था।इसे लेकर स्थायी समिति को समय-समय पर कई विस्तार प्राप्त हुए।
अब कानून और संविधान का हवाला देते हुए पूर्व लोकसभा महासचिव और संविधान विशेषज्ञ पीडीपी आचार्य के मुताबिक 17वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही यह विधेयक समाप्त हो गया हो गया। बता दें कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य महिलाओ की शादी की न्यूनतम आयू को 18 से बढाकर 21 वर्ष करने के साथ बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन करना है। उल्लेखनीय है कि 2006 अधिनियम के तहत न्यूनतम आयू 20 साल से कम में शादी करने वाला व्यक्ति वयस्क होने के दो साल बाद यानि 23 साल की उम्र में विवाह रद्द करने के लिए आवेदन कर सकता है।
बता दें कि आम चुनाव में 18 वीं लोकसभा के सदस्यों के निर्वाचित होने के बाद ही 17 वीं लोकसभा को भंग कर दिया गया। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम में भाजपा नीत गठबंधन एनडीए ने बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बना रही है। लोगों का कहना है कि अपना सही भविष्य जीवन साथी चुनने की उम्र 21 साल और देश के भविष्य का नेता चुनने की उम्र 18 साल सही मजाक बन गया था।
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