कुशीनगर : यूपी में बीजेपी की बेमेल तालमेल से गिर रहा जनाधार

बीजेपी कांग्रेस और सपा का बड़ा चेहरा भले तोड़ दे उनके के वोटरों के विचारों को कत्तई नहीं तोड़ सकती..? – किसी चेहरा से नहीं, वोटो से होता हैं बदलाव बीजेपी के घर में फूल रही सबकी सांसे..?

कुशीनगर : यूपी में बीजेपी की बेमेल तालमेल से गिर रहा जनाधार

लोकसभा 65 कुशीनगर विश्लेषण : बिहार के साथी और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू के विचारों से बीजेपी को सिख लेनी चाहिए न कि कांग्रेस और सपा के विचारों से बेमेल तालमेल, बीजेपी के लिए तीसरा कोई विकल्प नहीं..?

ब्यूरो प्रमुख प्रमोद रौनियार

कुशीनगर लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा  सपा गठबंधन को करीब 2 लाख 55 हजार वोट मिले थे , कांग्रेस को करीब 1 लाख 45 हजार, भाजपा को 5 लाख 95 हजार वोट मिले थे। 

अब जानिए 2024 लोकसभा चुनाव में  वही जनता वही वोटर हालाकि इस बार कुछ वोटरों की बढ़ोत्तरी हुई हैं, इस बार बसपा अलग भी लड़ी जिसे 67111 मत प्राप्त हुए, भाजपा को 5 लाख 16 हजार 345 वोट प्राप्त हुए, कांग्रेस गठबंधन सपा को 4 लाख 33 हजार 794 मत मिले हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य को 36 हजार 500 मत प्राप्त हुए हैं।
माना जा रहा हैं की स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी की वोट का नुकसान पहुंचाए हैं। यदि मौर्या जी, बीजेपी के वोट की गणना की जाय तो बीजेपी को जोड़कर 5 लाख 58 हजार 113 वोट बीजेपी का हो रहा हैं। 2024 में बसपा को मिले 67 हजार 111 को 2019 में मिले सपा के मत से घटा कर देखा जाय तो 2024 में सपा का तकरीबन 2 लाख वोट हो रहा है। 2019 में कांग्रेस को मिली 1 लाख 45 हजार मत सपा की 2 लाख वोट जोड़कर देखा जाय तो 3 लाख 45 हजार हो रहा हैं, 2024 में दो दल ही आपस में भिड़े, इस बार वैश्य समाज की खासा नाराजगी थी, करीब करीब 38 हजार वैश्य अदर सभी दल एक होने से 50 हजार वोट जोड़ दिया जाय तो तकरीबन 88 हजार मत सीधे सपा गठबंधन में जानें से सपा प्रत्याशी को 4,33,794 लाख मत प्रात हुए हैं। कुल मिलाकर सपा गठबंधन को करीब 2 लाख 33 हजार वोटो का जबरजस्त उछाल हुआ हैं । अब कांग्रेस चेहरा को बीजेपी में शामिल किए जानें का गुणा गणित समझ गए होगे। भाजपा में कांग्रेस पार्टी के वोटर नही नेता शामिल हुए हैं । अब भी बीजेपी को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा रखते हुए तटस्थ निर्णय लेना चाहिए, ताकि बीजेपी का भविष्य उज्जवल रहे।
 
वही जनता वही वोटर अंधकार में सिर्फ बीजेपी के वोट पर चेहरा का खेला हो रहा है। 2024 की चुनाव यह साबित कर दिया है कि किसी नेता के शामिल होने से अन्य दल के विचारो से जुड़े वोटर को नहीं बदला जा सकता हैं यह चुनाव परिणाम साबित कर दिया है। 

अब भी बीजेपी को सिख लेने की जरूरत है  बीजेपी जो कांग्रेस सपा की जोड़ तोड़ व्यवस्था से दूरी बनाए, आज विरोधी खेमे के कांग्रेस सपा समर्थित सगे संबंधी सिर्फ बीजेपी जनप्रतिनिधियों से ठेका पाकर फूले नहीं समा रहे हैं, बीजेपी कार्यकर्ता हाथ मल रहे हैं। बिना देर किए बीजेपी को यह सोचना चाहिए सपा और कांग्रेस के विचारों में कोई अंतर नही हैं दोनो एक हैं, बिहार के वोटर साथी और टीडीपी के साथी से नसीहत लेने की जरूरत हैं, बीजेपी के विचार से कांग्रेस सपा की मेल नहीं खाती हैं । इस गंभीर विषय पर गहन विचार करने की परम जरूरत हैं ।

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