1 किलोमीटर दूर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे है लोग
प्रखंड क्षेत्र में के कई जल मीनार खराब होकर बेकार पड़े हुए जिनका देखरेख करने वाला कोई नहीं
On
चैनपुर इस भीषण गर्मी में आदिम जनजाति बहुल कोटिया पाठ के ग्रामीणों को 1 किलोमीटर दूर से झरने का पानी लाकर अपना प्यास बुझाना पड़ता है। इस गांव के 27 परिवार के लगभग 125 की आबादी भीषण जल संकट से जूझ रही है। महिलाएं सुबह होते ही सर पर बड़े-बड़े बर्तन लेकर 1 किलोमीटर दूर पानी की तलाश में निकल जाते हैं 1 किलोमीटर दूर से सर पर बड़े-बड़े बर्तन को ढोकर अपने प्यास बुझाने के लिए पानी लेकर आते हैं। गांव में पीएचडी विभाग से बने जलमीनार पिछले दो वर्षों से खराब होकर बेकार पड़ा हुआ है।
गांव की मुन्नी देवी का कहना है कि दिन भर में पानी लाने के लिए कई बार 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है हमारी लाचारी वह मजबूरी किसी को नजर नहीं आती। गांव में पानी की घोर समस्या है हम पठारी क्षेत्र में रहने वाले गरीब लोग सिर्फ मूलभूत समस्याओं से निजात की मांग करते हैं मगर हमारे नसीब में दुख झेलना ही लिखा हुआ है। वही जनावल पंचायत के गढ़ापाठ गाँव में भी पेयजल की घोर समस्या है। गांव के लोग इस भीषण गर्मी में चूवा व दाढ़ी का दूषित पानी पीकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
इस गांव में विलुप्त हो रही आदिम जनजाति के 30 घरों में 160 की आबादी निवास करती है। इन लोगों को स्वच्छ पानी पीना भी नसीब में नहीं है खेत में खोदे दाढ़ी का पानी ही उनके प्यास बुझाने में काम आता है। गांव के सुनील असुर, बिफ़ै असुर सहित कई लोगों का कहना है कि गांव में मूलभूत समस्याओं का अंबार लगा हुआ है लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी भी नसीब नहीं है चुनाव के समय हम वोट तो देते हैं मगर इसका लाभ हमें अब तक नहीं मिला।
वही चैनपुर प्रखंड बुकमा गांव में भी घोर जल समस्या है। पिछले 4 वर्षों से यहां का जल मीनार खराब होकर बेकार पड़ा हुआ है। मगर इसका मरम्मत करने के लिए कोई भी आगे नहीं आया। मजबूरन बस गांव के लोगों को कुएं का गंदा पानी पीकर अपना प्यास बुझाने पड़ रहा है। गांव की बांधनी उरांव ने बताया कि गांव में पेयजल की घोर समस्या है। इस भीषण गर्मी में भी अधिकारियों की नजर खराब पड़े जलमीनार में नहीं जा रही है यह दुर्भाग्य की बात है।
चैनपुर मुख्यालय के अल्बर्ट एक्का चौक में जिला परिषद मत से बने जलमिनर पिछले कई वर्षों से खराब होकर बेकार पड़ा हुआ है इस जल मीनार से सैकड़ो लोग प्रत्येक दिन अपनी प्यास बुझाते थे मगर खराब होने के बाद इसका मरम्मत करना किसी ने मुनासिब नहीं समझा जिसके कारण यह जल मीनार बेकार पड़ा हुआ है। लोगों को कहना है कि यह जल मीनार की मरम्मत को जाने से भीषण गर्मी में सैकड़ो लोग अपनी प्यास बुझाते कई स्थानीय लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं उन लोगों को भी पानी की समस्या नहीं होती।
चैनपुर प्रखंड में ऐसे कई जल मीनार, व चापाकल है जो देख रेख के अभाव में खराब पड़े हुए हैं।
मरम्मत के बाद यह जल मीनार व चापाकल फिर से काम करेंगे प्रशासन और विभाग को इस पर ध्यान देकर इस भीषण गर्मी में सभी जालीदारों की मरम्मत कर देने से लोगों को जल संकट की समस्या नहीं होती। इस भीषण गर्मी में लोगों को दूषित पानी पीकर अपनी जान के साथ खिलवाड़ करना नहीं पड़ता।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
मनी लॉन्ड्रिंग केस में लगभग दो साल बाद आप नेता सत्येंद्र जैन को जमानत।
19 Oct 2024 16:52:51
नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत...
अंतर्राष्ट्रीय
श्रीलंका ने 17 गिरफ्तार भारतीय मछुआरों को वापस भेजा
21 Oct 2024 17:31:10
International Desk श्रीलंका ने अपने जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार 17 भारतीय मछुआरों को वापस भेज दिया...
Comment List