गुड्डू कबाड़ी के कबाड़ का खेल... परिवहन विभाग से एनओसी लिए बगैर काट रहे पुराने वाहन

अवैध तरीके से चल रही कबाड़ की दुकानों पर सरकारी तंत्र का कोई नियंत्रण ही नहीं

गुड्डू कबाड़ी के कबाड़ का खेल... परिवहन विभाग से एनओसी लिए बगैर काट रहे पुराने वाहन

सैकड़ो की तादाद में खड़े मिलेंगे दो पहिया और चार पहिया बाहन, फिर भी जिम्मेदार मौन

आखिर कौन है इस काले धंधे का जिम्मेदार?
 
अम्बेडकरनगर। जनपद के बसखारी कस्बे में कबाड़ का बड़ा खेल चल रहा है। जबकि गोदाम की दूरी थाने से महज 200 मीटर है, गुड्डू कबाड़ी के यहां परिवहन और पुलिस विभाग से बिना एनओसी लिए पुराने वाहनों की खरीद और बिक्री का अवैध कारोबार चल रहा है। कई वाहन मालिक लाखों का टैक्स बकाया गाडिय़ों को कबाड़ के भाव बेच देते है। ऐसे में परिवहन विभाग टैक्स वसूली के लिए गाड़ी खोजता रहता और गाडिय़ां स्क्रैप के भाव बिक जाती है। इससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।इसी गोरखधंधे की आड़ में कबाड़ी चोरी की गाडिय़ां भी खरीदकर स्कै्रप बनाकर बेच देते है। परिवहन और पुलिस विभाग अभी तक अवैध कारोबार में लिप्त कबाडिय़ों पर कार्रवाई नहीं कर सका है।
 
अपराध के संबंध में पुलिस से एनओसी जरुरी- पुराने वाहनों को कबाड़ में खरीदी-बिक्री से पहले पुलिस विभाग की एनओसी भी जरुरी होती है। कबाड़ में बेचे जा रहे वाहन पर कोई अपराध तो दर्ज नहीं है इसको लेकर पुलिस एनओसी जारी करती है।बिना अनुमति के संचालित इन दुकानों में कीमती सामानों को सस्ते दामों पर खरीदकर कारोबारी लाखों रुपये कमा रहे हैं।इन दुकानों में कबाड़ की खरीद-बिक्री की न तो रसीद दी जाती है और न ही कोई रिकार्ड रखा जाता है।इतना ही नहीं इनके दलाल ग्रामीण क्षेत्रों से कबाड़ खरीदकर दुकान में खपा देते हैं। 
 
चोरी के वाहन स्क्रैप बनाकर बेच रहे-
 कबाड़ की आड़ में कई कबाड़ी चोरी के वाहनों की खरीदी-बिक्री का अवैध कारोबार कर रहे है। कबाडिय़ों द्वारा चोरी के वाहन स्क्रैप कर बेच दिए जाते है। बावजूद जिम्मेदारों द्वारा अनदेखी उनकी संलिप्तता को बयां कर रही है!विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जिम्मेदारों का कबाडी कारोबारियों से बेहद करीबी नाता है और यह नाता किसी रिश्ते का नहीं बल्कि लेनदेन का है!बताया जाता है कि जिम्मेदार हफ्ते व महीने के हिसाब से इन कबाडी करोबारियों से मोटी रकम लेते हैं और इनको संरक्षण प्रदान कर कारोबारियों के साथ स्वयं भी मालामाल हो रहे हैं,
 
तभी तो जानकारी होते हुए किसी भी कबाडी कारोबारी पर कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं! जबकि जनपद में अभी स्क्रैप करने के लिए किसी को लाइसेंस नहीं प्राप्त हुआ है यह जानकारी उप संभागीय परिवहन विभाग द्वारा दी गई। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष बसखारी संत कुमार सिंह से वार्ता करने के पश्चात बताया गया तो मुझको ऐसी कोई जानकारी नहीं है मैं किस आधार पर कार्यवाही करूं।

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