हिन्दी पत्रकारिता का वर्तमान और भविष्य दोनो अच्छा है- राजेन्द्र नाथ तिवारी

बस्ती का कार्यकाल याद रहेगा -प्रभाकर तिवारीपत्रकारों ने  सहायक सूचना निदेशक के कायों की सराहना की

हिन्दी पत्रकारिता का वर्तमान और भविष्य दोनो अच्छा है- राजेन्द्र नाथ तिवारी

बस्ती। हिन्दी पत्रकारिता का वर्तमान और भविष्य दोनो अच्छा है। पत्रकारों को अपना चाल चरित्र और चेहरा सुधारना होगा। यह बातें वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कही। वे प्रेस क्लब सभागार में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित ‘पत्रकारिता का वर्तमान व अतीत’ विषय पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।
 
उन्होने कहा अभाव को स्वभाव बनाने वाले पत्रकार कभी सत्ता की दलाली नही करते, बल्कि अपने समाचारों, संपादकीय व समीक्षात्मक खबरों से सत्ता को रासता दिखाते हैं। लेकिन अहंकारी और शक्तिशाली सत्ता ने हमेशा उन्हे अपने पॉवर और धनबल के आगे नतमस्तक करने का प्रयास किया है। उन्होने यह भी कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कुछ पत्रकार देश में बंचे हैं जिनके ज़मीर का सौदा शक्तिशाली और अहंकारी सत्ता नही कर पा रही है।
 
उन्होने धु्रव राठी का नाम भी लिया।वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चन्द पाण्डेय ने कहा अखबारों के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। बड़े समाचार माध्यम सत्ता की आवाज में आवाज मिलाने में विश्वास करते हैं और छोटे मझोले समाचार माध्यम हमेशा पीड़ित मानवता की पैरोकारी करते हैं, और ऐसे ही अखबारों के सामने चुनौतियां भी ज्यादा खड़ी की जा रही हैं। केडी मिश्रा ने हिन्दी पत्रकारिता की शुरूआत से लेकर वर्तमान तक के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा पत्रकारों को कम संसाधनों में जीवन जीने की आदत डालनी चाहिये।
 
वरिष्ठ पत्रकार मजहर आजाद ने कहा हिन्दी पत्रकारिता हमारे रगों मे रची बसी है। हम जिस क्षेत्र मे रहते हैं वहां हिन्दी का कोई विकल्प नही है। इसका भविष्य बेहतर है। जयंत मिश्रा ने कहा पत्रकारों को लिखने पढ़ने की आदत डालनी होगी। कई बार ऐसा होता है जब विषय की जानकारी न होने पर पत्रकार को सार्वजनिक रूप से शर्मिन्दा होना पड़ता है।

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