स्वतंत्र प्रभात
लखीमपुर खीरी- उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ गरीबों मजलूमो व आम आदमी को सस्ती दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। और इसकी निगरानी के लिए पूर्ति निरीक्षक नामित किए गए हैं। योगी सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस के बड़े-बड़े दावे कर अपनी पीठ थपथपा रहे हो पर इनके दावों की पोल खोलने के लिए उनके ही विभाग के जिम्मेदार तथा उचित दर विक्रेता संस्थान द्वारा जारी गाइडलाइन का माखौल उड़ा कर उपभोक्ताओं के हको पर डाका डाल रहे हैं।
इसका ज्वलंत उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला जब राशन कार्ड धारक एक एक महिला कार्ड संख्या215341271295 उचित दर विक्रेता की दुकान पर राशन लेने गई जहां उनसे अंगूठा लगवा लिया गया और 18 किलो खाद्यान्न दिया जाने लगा तो महिला उपभोक्ता ने 18 किलो राशन लेने से मना करते हुए इस कटौती का विरोध किया तो उचित दर विक्रेता मीरा गुप्ता के लड़के रानू गुप्ता द्वारा राशन भी नहीं दिया और राशन कार्ड दुकान पर ना जाने की धमकी देते हुए भगा दिया।
इसी क्रम में मोहल्ला इमली चौराहा निवासी कार्ड धारकों ने जिला अधिकारी के ट्विटर हैंडल पर बताया कोटेदार प्रमोद गुप्ता द्वारा निर्धारित मात्रा से कम राशन दिया जाता है इसका विरोध करने पर राशन दिए बगैर ही चलता कर दिया जाता है कोटेदार का कहना है ऊपर तक मैनेज करना पड़ता है इसलिए राशन कम दे रहा हूं उपभोक्ताओं ने दबंग व खाद्यान्न कम देने वाले कोटेदार मीरा गुप्ता व कोटेदार प्रमोद गुप्ता पर कार्यवाही की मांग की है वहीं कई अन्य उपभोक्ताओं एवं सूत्रों द्वारा जानकारी के अनुसार रानू गुप्ता मशीन पर अंगूठा लगाते हैं
और रजिस्टर पर चढ़ाने के बाद एक छोटी पर्ची देते हैं जिस पर राशन लिख कर देते हैं जितना पर्ची पर लिखा होता है उतना ही राशन नौकर तौल कर के देता है और वह पर्चा अपने पास रख लेते हैं यही हाल कोटेदार प्रमोद गुप्ता का भी कार्ड धारियों द्वारा बताया जा रहा है। इस मामले की जानकारी क्या पूर्ति निरीक्षक को नहीं है यदि नहीं है तो उसके द्वारा क्या निरीक्षण किया जाता है इसे विभागीय सुस्ती कहे या मिली भगत जिसके तहत खुलेआम राशन की लूट कर बाजार में कालाबाजारी किए जाने के चर्चाओं का बाजार गर्म है।
देखना है कि उक्त प्रकरण में विभागीय जिम्मेदार क्या कार्यवाही करते हैं। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया सप्लाई स्पेक्टर को भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी।