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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

तो क्या यही ज्ञान हमें विश्व गुरु बनायेंगे ?

तो क्या यही ज्ञान हमें विश्व गुरु बनायेंगे ?   हमारा देश भारतवर्ष कभी न कभी ज़रूर विश्व गुरु रहा होगा। इसके लक्षण तो आप आज भी देख सकते हैं। जगह जगह लोग आपको सलाह देने वाले, घरेलु नुस्ख़ा या टोटका बताने वाले मिल जायेंगे।  जो स्वयं अपने ही   बहरहाल,चूँकि...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

कहानी कहने की परंपरा: दादी-नानी की गोद से वैश्विक मंच तक

कहानी कहने की परंपरा: दादी-नानी की गोद से वैश्विक मंच तक जब शब्द नृत्य करते हैं, भावनाएँ जागती हैं, और समय की धारा में एक जादुई चित्र उभरता है—तब जन्म लेती है एक कहानी। हर साल 20 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व किस्सागोई दिवस    केवल एक तारीख नहीं...
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