chunav prachar
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

वादों का अंत, जनशक्ति का आगाज

वादों का अंत, जनशक्ति का आगाज राजनीति के मंच पर एक अद्भुत दृश्य उभर रहा है—मौन का महासमर! चुनाव प्रचार के शोरगुल के थमते ही नेताओं की वाचालता पर विराम लग चुका है और जनता की उंगलियां संकल्पबद्ध मोड में आ चुकी हैं। यह परिदृश्य लोकतंत्र...
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