
ग्रामीण आजीविका मिशन कार्मिकों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
ग्रामीण आजीविका मिशन कार्मिकों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े 4 दर्जन कार्मिकों ने आज विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के विभिन्न जनपदों में लगभग चार दर्जन कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में एकत्रित होकर प्रदर्शन करते हुए विभिन्न मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया। ज्ञापन सोते हुए उन्होंने 8 बिंदुओं को लेकर बताया कि 12वीं शासी निकाय की बैठक में अनुमोदित मॉडल यशपाल थी को पूर्णता लागू किया जाए, 2015 से 7% भारतीय वेतन वृद्धि का लाभ एरियर के साथ जनपद एवं विकास खंड स्तरीय कार्मिकों को भी दिया जाए, बार्बी शासी निकाय की बैठक में अनुमोदित मॉडल एचआर पॉलिसी के विपरीत अलग-अलग पत्र जारी कर लंबित कर रखा है उसका पूर्ण भुगतान कराया जाए, 2 वर्षों से 15 जनपदों में सड़क दुर्घटना कोरोना से मृत्यु हो चुकी है एवं सैकड़ों की संख्या में कार्मिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं इस को जल्द से जल्द 500000 का सामूहिक दुर्घटना बीमा कराया जाए,
समस्त कार्मिकों को ईपीएफ का लाभ दिया जाए,पूर्व के बर्ष की भांति अनुमोदित पदों पर निर्धारित वेतन पर भारतीय नियम अनसार कराई जाएं एवं विसंगतियों सेपरिपूर्ण 7 जनवरी 2022 को समाचार पत्र में जारी विज्ञप्ति को अतिशीघ्र निरस्त कराया जाए, वर्तमान आउटसोर्सिंग व्यवस्था की नीति को समाप्त कर मिशन में पूर्व की भांति सभी कार्मिकों को योजना अब तक विभागीय संविदा पर रखा जाए, तथा पारदर्शी हस्तांतरण नीति बनाकर लागू की जाए।कर्मचारियों का आरोप है कि 6 लाख समूहों का गठन कर 72 हजार परिवारों के साथ आजीविका संवर्धन का कार्य समस्त कर्मचारी कर रहे हैं लेकिन हमारा हायर मैनेजमेंट हमारे भविष्य को लेकर चिंतित नहीं है जिसकी वजह से हम लोगों को यह कदम उठाना पड़ा। आजीविका मिशन के कर्मचारियों का कहना है कि उनके जो दैनिक भत्ते हैं उनका भी भुगतान नहीं किया जा रहा है शीघ्र ही हमारे ज्ञापन में 8 बिंदुओं पर विचार कर हमारी मांगे मानी जाए।
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