किसानो का करोड़ों रूपये लेकर व्यापारी हुआ गायब
किसान के बच्चों की शादी, गृह निर्माण लोन सहित सभी महत्वपूर्ण कार्य रुके
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बलरामपुर- पचपेड़वा विकास खण्ड अंतर्गत खादर क्षेत्र के एक सैकड़ा से अधिक किसानों का करोड़ों रूपये का अनाज खरीद कर व्यापारी रफूचक्कर हो गया। तब से किसानों में हाय तौबा मची हुई है। व्यापारी का निवास सिद्वार्थनगर होने के कारण किसान बलरामपुर व सिद्धार्थ नगर के थाना कोतवाली तथा उच्चधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। प्राप्त समाचार के अनुसार पचपेड़वा विकासखंड खादर क्षेत्र के गांव मंगुरहवा निवासी रमेश कुमार ,लेबुढ़वा निवासी फखरुद्दीन,मंगुरहवा निवासी संतोष कुमार कटैयाभरी ओमप्रकास, मंगूरहवा रामहेत यहीं के पप्पू, व सिद्धार्थ नगर जनपद इटवा थाना क्षेत्र का बलरामपुर सीमा से सटा गांव परसा निवासी विनय कुमार, सरमपाल, मदनपाल, अनूप कुमार, अतीउल्लाह, असगर, मोहम्मद सगीर, इजहार वलीउल्ला, इश्तियाक, तथा मुमताज़ सहित बड़ी संख्या में किसानों ने बताया कि व्यापारी रवि जयसवाल, पुत्र कैलाश, चंद्र जयसवाल, निवासी इटवा जनपद सिद्धार्थनगर किसानों का गेहूं खरीद कर ले गया और किसानों का थोड़ा-थोड़ा पैसा देकर बड़ी रकम उधार कर दिया जब किसान इस संबंध में बात करते तो उसके माता-पिता भाई गण व पत्नी सब आमादा फौजदारी हो जाते।

रमेश कगार, चैबुङ्वा निवासी फखरुद्दीन, मंगुरहना निवासी संतोष कुमार, करैमा भारी ब्योग प्रकার্থ मंगुरखा रामहेत महीं के पास के सिद्धार्थ नगर जनपद इटवा थाना क्षेत्र का बलरामपुर सीमारी सरा गांव परसा निवासी विनम बसार, सामवाल, मदन पाल, अनूप कुमार, माउल्ला है असगर, मो० सगीर, इजहार, वली उल्लाह, इस्तियाक तथा मुमताज सहित बड़ी संख्का में किसानों ने बताया कि व्यापारी रवि आमसकल पुल कैलाश चंद्र जायसवाल विनिवासी इटना जनपद सिद्धार्थनगर किसानों भागे हैं खरीद कर लेगमा कौर किसानों की फोड़ा थोड़ा पैसा देकर बड़ी रकम उधार कर दिया अब किसान पैसा मांगने जाने लगे तो वह फरार हो गया।

उल्लेखनीय है कि किसानों का सभी महत्वपूर्ण कार्य कृषि उपज पर ही आधारित होता है व्यापारी के गायब हो जाने से कई किसानों को लड़की की शादी विवाह को स्थगित करना पड़ा। कई किसानों का गृह निर्माण स्वप्न बनकर ही रह गया। ठगी का शिकार हुए 90 प्रतिशत किसानों का केसीसी लोन था और वह जमा करने की योजना बना रहे थे परंतु पैसा डूब जाने के कारण लोन जमा नहीं हो सका ब्याज मुंह सुरसा की तरह बढ़ रहा है। गौरतलब हो के ठगी का शिकार हुए किसानों की संख्या एक सैकड़ा से अधिक है और सैकड़ो छोटे व मझौले किसान चुप्पी मार कर बैठ गए हैं।
कुल मिलाकर ठगी का रकम किसने की माने तो 10 करोड़ से अधिक है। सूत्रों की माने तो व्यापारी अनाज खरीद कर ठगी करने की पूर्व योजना के तहत कई लोगों को अपने साथ मिलकर पूरा संगठित गिरोह का रूप दे रखा था और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए अपने आप को मजबूत कर रखा था। यही कारण है कि समस्या और अभाव में जूझ रहे किसानों का फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।
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