न्यायाधीश कक्ष में वादकारी दंपती से मारपीट करने वाला अधिवक्ता गिरफ्तार!
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प्रयागराज।न्यायाधीश कक्ष में वादकारी दंपती से मारपीट करने के आरोपी अधिवक्ता रणविजय सिंह को पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। रणविजय पर मुकदमे में पैरवी करने आई करेली निवासी महिला और उसके पति को कोर्ट के भीतर साथियों संग मिलकर पिटाई करने का आरोप है। हाईकोर्ट ने सभी आरोपी अधिवक्ताओं के जिला न्यायालय में प्रवेश पर रोक लगा रखी है।
मुकदमा दर्ज कर पुलिस आरोपियों की खोजबीन में जुटी थी। गत दिनों जनपद न्यायालय स्थित सिविल न्यायालय में एक केस की सुनवाई के दौरान वादकारी दंपती को मारने पीटने और अदालत के कामकाज में बाधा पहुंचाने के मामले का हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया था। आरोपी अधिवक्ताओं की किसी भी अदालत में प्रैक्टिस और कोर्ट परिसर में घुसने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने जिला जज इलाहाबाद से सीसीटीवी के साथ विस्तृत रिपोर्ट अदालत तलब करते हुए आरोपी वकीलों के अलावा घटना में शामिल लोगों की पहचान कर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है।
सिविल जज की शिकायत पर जिला जज की ओर से भेजी गई रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह सख्ती बरती है। उधर, जिला अधिवक्ता संघ की कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से आरोपी अधिवक्ता रणविजय सिंह, मो. आसिफ, मो. महताब और आफताब सहित 10 अधिवक्ताओं की बार संघ से सदस्यता समाप्त कर दी है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरोपी अधिवक्ता रणविजय और मो. आसिफ के खिलाफ अपराधिक अवमानना का नोटिस भी जारी किया है।
साथ ही जिला जज से घटना सीसीटीवी फुटेज की जांच करने और आरोपियों के अलावा घटना में शामिल वकीलों और अन्य लोगों की पहचान कर अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।गौतलब है कि सोमवार को जिला न्यायालय इलाहाबाद में सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी की अदालत में त्वरित सुनवाई को लेकर कुछ वकीलों के साथ आरोपी अधिवक्ता रणविजय सिंह, मो. आसिफ, मो. महताब और आफताब ने कोर्ट में घुस कर वादकारी दंपत्ति के साथ मारपीट शुरू कर दी थी। यह देख पीठासीन अधिकारी को कोर्ट से काम छोड़ कर उठना पड़ा। वादकारियों पर हमलावर वकील फिर भी नहीं माने तो दंपती जज के चैंबर की ओर भागे तो वहां से भी हमलावरों ने उन्हें खींच लिया और पीटने लगे। इस मामले में पीड़ित दंपती ने कर्नलगंज थाने में अधिवक्ता रणविजय सिंह, मो. आसिफ, मो. महताब और आफताब समेत 10 अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
उधर, अधिवक्ताओं के आचरण से नाराज सिविल जज ने मामले की जानकारी जिला जज को दी। जिला जज की ओर से उच्च न्यायालय के महानिबंधक, जिला बार एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को दी गई है। सिविल जज ने संबंधित मामले की पत्रावली में भी मामले को दर्ज किया है। जिला जज की ओर से भेजी गई शिकायत पर हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया तो जिला अधिवक्ता संघ ने चारों आरोपी अधिवक्ताओं की बार से सदस्यता समाप्त कर दी है।
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