दलित महिला प्रमुख की कुर्सी पर बैठे सामंतवादी विचारधारा के भाजपा नेता

दलित महिला प्रमुख की कुर्सी पर बैठे सामंतवादी विचारधारा के भाजपा नेता

यही नहीं उन्होंने अपने को ब्लॉक प्रमुख तक घोषित कर दिया।और सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल कर दी

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव

नवाबगंज:देश की आजादी के 70 साल बाद भी कुछ लोगों की सामंतवादी विचारधारा अभी गई नहीं है।लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’के नारे खूब देते हैं।लेकिन उनकी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता ने इस नारे को खोखला साबित कर दिया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में इन चुनावों में बड़ी संख्या में महिलाओं की जीत भारत की संवैधानिक प्रक्रिया के आरक्षण के तहत हुई।दलित महिला ब्लाक प्रमुख तो बन गई। लेकिन कुर्सी पर सामंतवादी विचारधारा के कार्यकर्ता डेरा जमा हुए हैं।

यही नहीं उन्होंने अपने को ब्लॉक प्रमुख तक घोषित कर दिया।और सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल कर दी।जी हां आपको बताते चले कि जनपद उन्नाव में बीते10जुलाई को नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख पद पर रोशनी रावत को ब्लॉक प्रमुख पद की शपथ दिलाई गई थी।उस दिन रोशनी रावत को अधिकारियों ने सभी बीडीसी सदस्यों के सामने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई लेकिन रोशनी रावत को यह नहीं मालूम था कि वह जिस सीट पर बैठी है।उस पर कुछ सामंतवादी लोग अपने नजर गड़ाए हुए हैं।आपको बताते चलें कि नवाबगंज के भाजपा के नेता रवि प्रताप सिंह अपनी सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है।जिस पर उन्होंने अपने आपको ब्लॉक प्रमुख नवाबगंज बताया है।और साथ ही लोगों को ईद की बधाई भी दी है।

सामंतवादी विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले रवि प्रताप सिंह यही नहीं रुके।उन्होंने ब्लॉक कार्यालय में जाकर रोशनी रावत की कुर्सी पर डेरा जमा लिया।प्रमुख की कुर्सी पर बैठकर फोटो खिंचाई लोगों को धन्यवाद दे दिया और साथ ही दरबार लगाया।रवि प्रताप सिंह यहीं नहीं रुके।उन्होंने लगातार फोटो पर फोटो फेसबुक पर शेयर की।अपने आपको ब्लॉक प्रमुख बताया।साथ ही प्रमुख की कुर्सी पर बैठकर इस तरह मुस्कुरा रहे थे,मानो उन्होंने संविधान की शपथ लेने वाले रोशनी रावत के सपनों को चूर चूर कर दिया हो।नवाबगंज की इस घटना ने संवैधानिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।आखिर रोशनी रावत की कुर्सी पर कैसे एक सामंतवादी व्यक्ति जो भाजपा का कार्यकर्ता है,बैठ जाता है।और प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता।

सोशल मीडिया पर हो रहे इस पोस्ट पर जनता की तो नजर गई।लेकिन उच्चाधिकारियों और चाल चरित्र चेहरा की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की नजर क्यों नहीं गई,यह सोचनीय विषय है।सबसे मजेदार बात तो यह रही कि यह सब ब्लॉक के अधिकारी और कर्मचारियों के समक्ष होता रहा।और धृतराष्ट्र की भांति सभी अधिकारी और कर्मचारी आंख मूंदकर लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या होता देखते रहे।इस खबर को जब जिलाधिकारी वह मुख्य विकास अधिकारी से संबंध में बात करनी चाही तो दोनों अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर फोन रिसीव नहीं हुए।

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