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आत्मकथ्य कबीरा खड़ाबाजार में लिये लुआठी हाथ जो घर फूकें आपणा चले हमारे साथ।

आत्मकथ्य कबीरा खड़ाबाजार में लिये लुआठी हाथ जो घर फूकें आपणा चले हमारे साथ। लखनऊ।    राजधानी लखनऊ के हम निशाने पर इस लिये हैं क्यूंकि  आप के सामने हैं, पास और फेल वह होता है जो परीक्षा देता है जिसे इन चीजों से वास्ता ही नहीं उसके लिए किसी नतीजे का क्या मतलब? जिन्हें...
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