kavita sangrah
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Read More... मजदूर का बहता पसीना ही संगीत।
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By Swatantra Prabhat UP
मजदूर का बहता पसीना ही संगीत। कितनी बार देखा मैंने उसके माथे से फिसलती एक बूँद धरती पर गिरकर बज उठती जैसे कोई पुराना राग भैरवी, या फिर किसी अधूरे सपने का आलाप। वह हथौड़ा नहीं चलाता, वह एक तान... हिंदी पर न्योछावर हर दिल और जान है।
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By Swatantra Prabhat Desk
संजीव-नी। हिंदी पर न्योछावर हर दिल और जान है। हिंदी है हमारी प्यारी भाषा, हिंदी है एक शक्तिशाली और विशाल ज्ञान की भाषा, आओ बनाएं इसे राष्ट्रभाषा। हिंदी भाषा हमारा मान और अभिमान है, हिंदी राष्ट्र का वैभवशाली गौरव गान... संजीव-नी| देख कर भी नही देख पाया ।
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By Office Desk Lucknow
देख कर भी नही देख पाया ।फिर उस बात का जिक्लौटकर भुला नहीं पायाउस पल की याद है उसेजिया नहीं जिसे कभी,भोगा भी नहीं,जीने की जरूर कोशिश कीगहरे नहीं पैठ पाया,फिर भूल... संजीव-नी। आप जग जाहिर होने लगे हो।
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By Swatantra Prabhat Desk
संजीव-नी।आप जग जाहिर होने लगे हो।आप अपने हो या बेगाने हो,आप जग जाहिर होने लगे हो।जालिम ये जमाना,ना-समझ नही ।रंजिशों में आप भी माहिर होने लगे हो।न जाने किस की सोहबत में रहते हो,... संजीवनी। पृथ्वी का बचा रहना कितना अहम।
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By Office Desk Lucknow
स्वतंत्र प्रभात संजीवनी। पृथ्वी का बचा रहना कितना अहम। मैं चाहता हूं पृथ्वी बची रहे और बची रहे मिट्टी आग नदिया चिड़िया झरने पहाड़ हरे हरे पेड़ रोटी चावल मक्का बाजरा समंदर पुस्तकें मनुष्य के लिए जी बची रहे पृथ्वी... संजीव-नी। लंबी उम्र की ना दुआ किया करो।
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By Office Desk Lucknow
संजीव-नी। लंबी उम्र की ना दुआ किया करो। मोहब्बत में दर्द छुपा लिया करो, दर्द के छालों को छुपा लिया करो। आशिकी छुपाना होती नहीं आसां, जमाने को मेरा नाम बता दिया करो। हर दर्द की दास्तां होती है जुदा... नक्श नैन राधिका के है मोहन को भाए
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By Office Desk Lucknow
कविता नक्श नैन राधिका के है मोहन को भाए चंचल ठहरे हमरे कान्हा जो राधिका को चाहे पुकार सुन्नत गोपियो की फिर भी ना पनघट पर आये मगर एक झलक देखन को "प्यारी की" बरसाने छलिया बनकर जाये सुनते ही... संजीव-नीl सच्चे मित्र की पहचान ।
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By Office Desk Lucknow
संजीव-नीl सच्चे मित्र की पहचान । सच्चे मित्र की पहचान जो शांति के दे पैगाम, वक्त में जो काम आए वह सच्चा मित्र होता है। साथ साथ जो कंधे से कंधा मिलाकर पसीना बहाए, वह अच्छा मित्र होता है। मित्र... 