sarthak prayatn
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

(जीवन दृष्टिकोण) मानव धर्म ही सर्वोत्तम। कर्म के कठोर परिश्रम से उसे सार्थक करने का प्रयत्न करें।

(जीवन दृष्टिकोण) मानव धर्म ही सर्वोत्तम। कर्म के कठोर परिश्रम से उसे सार्थक करने का प्रयत्न करें। मनुष्य को धर्म के साथ ही कर्म की वेदी पर अपने श्रम की की आहुति देनी चाहिए, जिससे मानव अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति और सफलता के लिए मनुष्य को निरंतर...
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