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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

हे ईश्वर जमीं नही दी, आसमान तो दे

हे ईश्वर जमीं नही दी, आसमान तो दे हे ईश्वर जमीं नही दी,आसमान तो दे, थोड़ा जीने का अदद सामान तो दे।    बहुत अभिलाषा,लिप्सा,आकांक्षा नहीं,  जीने का कोई तरीका आसान तो दे ।    रोज खाली हाथ लौटता हूं घर अपने,  इंसानियत का भला करने का इमान तो दे।...
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