आखिर क्यों खजनी में दर्ज मुकदमे के आरोपियों पर मेहरबान हो जाती पुलिस ,क्यो होने वाले घटनाओं पर दर्ज हुए मुकदमो में खजनी पुलिस मुकदमों का करती अल्पीकरण
क्यो धारा व आरोपियों का नाम निकालने में आमादा रहती है खजनी पुलिस ,तमाम मामलो मे खजनी थाना के कार्यों पर सवाल उठते नजर आ रहे है,
ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी
गोरखपुर दक्षिणांचल पुलिस के तानाशाह रवैये को देख क्षेत्रीय जनता हैरान है, हर कोई अपने को सुरक्षित नही समझ रहा है , मारपीट व अन्य किसी प्रकार के मामले मे प्राथमिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज होने के बाद कौन जांच अधिकारी मामले उल्टा कर केश खत्म कर दे रहा है, आम जन मानस में सवाल उठता नजर आ रहा है , जिला के पुलिस कप्तान होने वाले एफआईआर की जांच गहनता से कराए तो चौकाने वाले नजारे सामने आ जायेंगे । गोरखपुर दक्षिणांचल की पुलिस ईमानदार कप्तान की छवि किस प्रकार धूमिल कर रही है ,जीता जागता प्रमाण खजनी थाना में देखे जा रहे है ,जहां पीड़ित को न्याय नही मिला फरियादी मुकदमा दर्ज करवाकर खुद डरा हुआ है , ऐसे दर्जनों मामले खननी क्षेत्रो में देखे जा रहे है ।
ताजा मामला खजनी क्षेत्र गाजर बंसमन का सामने आया है ,जहां बीते एक सप्ताह पूर्व बच्चों के झगड़े में बीच बचाव करने गए युवक को आधी रात में मार कर सिर फोड़ दिया गया था ,जिसमे घायल तत्कालीन किसी प्राइवेट हॉस्पिटल म इलाज कर कराया ,खजनी पुलिस ,323 ,504 ,506,308 ,जैसे धरोओ में मुकदमा दर्ज कर पुनः कुछ दिन बाद 151में चालान कर देने की बात सामने आया है ,इसी प्रकार ग्राम सभा डोडो में लड़की के छेड़खानी वीडियो वायरल कर शादी काटने व धमकी देने जैसे मामले में आरोपी को पकड़ 151 में चालान किये जाने का मामला सामने आया था , इसी प्रकार मुकदमा अपराध संख्या 348/23 मे लड़की के मामले पंजीकृत मुकदमे के साथ छेड़ छाड़ किये जाने का मामला सामने आया है ,इसी प्रकार दर्जनो मामले है जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है ।
बादी का हित सर्बेच्च होता है खजनी पुलिस आरोपी का हित सर्बोच्च मानकर आरोपियों का बचाव करने पर तुली हुई है तथा न्याय का गला रेत रही है उत्तर प्रदेश शासन की रिति और निति जीरो टॉलरेंस को खजनी पुलिस धड़ल्ले से ठेंगा दिखाने पर तुली हुई है।
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