शिव मंदिर में बेटी नुसरत ने की पूजा, अब पिता अफजाल अंसारी ने कही ये बड़ी बात

शिव मंदिर में बेटी नुसरत ने की पूजा, अब पिता अफजाल अंसारी ने कही ये बड़ी बात

 

सिविल सर्विस की तैयारी कर रही बेटी नुसरत चुनाव प्रचार में जुटी

पिता के कमान को बेटी नुसरत ने संभाला

स्वतंत्र प्रभात | संवाददाता

गाजीपुर : लोकसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी लगातार पूरे क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं. हालांकि इस चुनाव में कुछ दिन पहले ही उनकी बेटी भी एक्टिव हुई हैं. उनकी बेटी महिला टोला को साथ में लेकर क्षेत्र में जनसंपर्क भी कर रही हैं. इस बीच वह शिव मंदिर भी गई थीं. गाजीपुर में चुनावी सरगर्मी के बीच अफजाल की बेटी की एंट्री से वैसे ही सियासी पारा बढ़ गया है ऐसे में उनका सनातनी अवतार और भी ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पर जब अफजाल अंसारी से पूछा गया तो उन्होंने कुछ अलग ही अंदाज में जवाब दिया.

अफजाल अंसारी के चुनाव प्रचार में सिविल सर्विस की तैयारी कर रही उनकी बेटी नुसरत अंसारी इन दिनों चुनावी रण क्षेत्र में कूद चुकी है. वह लगातार चुनाव प्रचार कर रही है. ऐसे में उनकी एक तस्वीर सामने आई है जिसमें सनातनी रूप में दिखाई दे रही हैं. इसी पर राजनीतिक घमासान चल रहा है. इसी मामले पर अफजाल अंसारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आप हमारे साथ चलिए हम 1000 जगहों के मंदिर और मठ दिखला देंगे. हम कोई इमाम साहब नहीं है बल्कि जनप्रतिनिधि है और जनता की अदालत में है.

जनप्रतिनिधि कट्टर नहीं हो सकते

अफजाल ने अपनी बात को यहीं खत्म नहीं किया बल्कि, उन्होंने आगे कहा कि ‘आप कट्टरपंथी हो सकते हैं लेकिन हम नहीं है. जो समाज में व्यक्ति होता है उसका कैरेक्टर चने की तरह होना चाहिए. जिसे जिस रूप में चाहे उस रूप में उसका प्रयोग कर सकें. चने को भिगा भी लिया जा सकता है और भूना भी जा सकता है, दाल भी बनाई जा सकती है और पीसकर भी खाया जा सकता है. यानी कि जिसको जैसी जरूरत है वह उसी रूप में चने का प्रयोग कर सकता है. कुछ ऐसा ही समाज सेवक और जनप्रतिनिधि को होना चाहिए.

फतवे पर दिया बड़ा बयान

वहीं अफजाल से पूछा गया कि नुसरत और मन्नू अंसारी के सनातनी रूप जैसे मामलों पर फतवा भी जारी हो सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि आप फतवा मत दीजिए. जिनको फतवा देना है उन्हें हम देख लेंगे. इसकी चिंता आप मत कीजिए. वहीं मंदिर जाने वाली बात पर अफजाल ने कहा कि मान्यता है कि ईश्वर एक है हम उसे अल्लाह का नाम दे, आप उसे जो नाम दे लीजिए. आप भी व्रत रखते हैं हम भी व्रत रखते हैं. व्रत के नियम अलग हो सकते हैं.

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