पवित्र पावन नदी मनोरमा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है
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जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अभियान चला कर नदियों को साफ सुंदर स्वच्छ बनायासमयानुसार बहुत सारी नदियों को साफ सुंदर स्वच्छ बनाया भी गया।
बस्तीl
बस्ती जिले के मख मखौडा कड़ी में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनवरी 2019 में खुद मनोरमा के तट पर खड़े होकर मनोरमा की सफाई की थी।लेकिन आज वही मनोरमा उपेक्षित पड़ी हुई है उसी रास्ते से गुजरने वाले जिम्मेदारों की नज़र तक नहीं पड़ती ।
मैं मनोरमा हूं मुझे भी कोई गन्दगी से मुक्त कर दो...!
इसी मनोरमा नदी के तट पर राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ करवाने के लिए मनोरमा पवित्र नदी का जल उपयोग में लाया गया था आज वही मनोरमा नदी उपेक्षा का शिकार हो रही है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के उद्भव स्थली मख धाम मखौड़ा के तट पर स्थित मनोरमा हुई गन्दी।जिस मनोरमा नदी में स्नान कर लोग खुद को शुद्ध करते हैं आज वही मनोरमा खुद गंदगी के चपेट में है।
जनप्रतिनिधि की बात करें तो सूबे के मुख्यमंत्री योगी जी जनवरी 2019 में खुद मनोरमा के तट पर खड़े होकर अपने हाथों से मनोरमा की सफाई की थी। जिसके फल स्वरुप जिले के आला अधिकारियों वा जनप्रतिनिधियों के द्वारा बीच में अभियान चला कर कई बार मनोरमा की सफाई भी की गई।
लेकिन आज की बात करें तो मनोरमा में आज सिल्ट सेवाल कूड़ा कचरा गंदगी का भरमार है।बाहर से आने वाले श्रद्धालु मखौड़ा पहुंचते ही मनोरमा नदी में डुबकी लगाने की सोचते हैं लेकिन गन्दी हुई मनोरमा को देखकर लोग पीछे हट जाते हैं। वहीं अगर साधु संतों की बात करें तो मजबूरी में साधु संत स्नान करते हैं। ये वही मनोरमा है जहां से 84 कोसी परिक्रमा का प्रारंभ स्थल साथ ही चैत्र माह में विशाल भंडारे वा मेले का आयोजन भी होता है। साथ ही दूर दराज वा आसपास के लोग अंतिम संस्कार करने के पश्चात मनोरमा में डुबकी लगाने के लिए भी कतराते हैं लेकिन मजबूरी में स्नान करना पड़ता है।ऐसी गन्दी उपेक्षित पड़ी पतित पावनी मां मनोरमा की सफाई आखिर कब होगी..?
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