सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज में कमीशन के चलते बाहर से दवा लेने को मजबूर गरीब मरीज
कमीशन खोरी के लालच में मरीजों की जेब पर खुले आम डॉक्टर डाल रहे डाका
महराजगंज रायबरेली
जहां एक ओर आम आदमी बेरोजगारी व बढ़ती महंगाई से परेशान है। तो वही महराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों के द्वारा गरीबों की जेब पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। सीएचसी में आने वाले हर मरीज कोई न कोई बीमारी से ग्रसित रहते है।
वही सीएचसी के डॉक्टरों द्वारा गंभीर बीमारी बता कर के अस्पताल के बजाय छोटी पर्ची पर लिखी कमीशन की दवा बाहर मेडिकल स्टोर से लेने को मजबूर कर देते हैं। जहां एक ओर योगी सरकार में चिकित्सा मंत्री बृजेश पाठक आए दिन अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए आए दिन दौरे पर दौरे करते हैं। लेकिन सीएचसी के चिकित्सकों के कमीशन बाजी के चलते आम आदमी हैरान व परेशान है। गौरतलब है कि, छुट्टी के दिन छोड़कर रोजाना ओपीडी लगती है।
मरीजों ने बताया कि यहां पर आने वाले ज्यादातर मरीज ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। और यहां पर सोच कर आते हैं कि दवाई अस्पताल में मुफ्त में मिलेंगी। किंतु इसके विपरीत डॉक्टर के पास जब मरीज पहुंचता है। तो उसे अस्पताल से दवा न देकर बाहर से मेडिकल स्टोर से लाने को मजबूर किया जाता है। ऐसे में मरीज को बाहर का रूख करना पड़ता है। और मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। सीएचसी केंद्र में मौजूद सभी डॉक्टरों ने अलग-अलग कंपनियों की दवा कमीशन के हिसाब से मेडिकल स्टोरो के एजेंटों के द्वारा सेटिंग गेटिंग कर मोटे कमीशन के लालच में डॉक्टर बाहर की दवाएं पर्ची पर लिखते हैं।
मामुली बुखार में भी सीएचसी केंद्र महराजगंज के डॉक्टर 500 से लेकर 1000 तक की दवाएं बाहर से लिख देते हैं। और तो और सीएचसी केंद्र में महिलाओं के प्रसव होने के बाद डिस्चार्ज होने पर डॉक्टरों में पर्चा लिखने की होड़ मची रहती है। यहां भी मोटे कमीशन की महंगी दवा डॉक्टरों द्वारा लिखी जाती है। जबकि उन्हें अस्पताल में मिलने वाली नाम मात्र की ही दवा उपलब्ध कराई जाती है। डॉक्टरों द्वारा लिखी गई कमीशन की दवा मरीजों को मेडिकल स्टोर पर महंगे दामों पर लेनी पड़ती है। इस व्यवस्था के चलते दूरदराज से आए लोग यहां आने पर ऐसी व्यवस्था को कोसते हैं।
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