एंबुलेंस के भ्रष्टाचार का नया खुलासा ऊपर वाले ही करवाते हैं भ्रष्टाचार 

एंबुलेंस के भ्रष्टाचार का नया खुलासा ऊपर वाले ही करवाते हैं भ्रष्टाचार 



अपने बचने के चक्कर में छोटी मछलियों को खा जाती है बड़ी मछलियां 

प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा ने अपने ही कम्पनी पर लगाया आरोप 2017 के पहले होता था फर्जी वाड़ा 

स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकरनगर।

सरकार लाख दावा करें हम भ्रष्टाचार मुक्त समाज और देश बनायेंगे यही डबल इंजन के सरकार का दावा है परन्तु सरकार का दावा लगभग हर सरकारी विभाग में फेल होता नजर आ रहा है। आज हम ऐसे भ्रष्टाचार को आपके सामने बताने जा रहे हैं जिस पर लोगो की नजर कम पड़ती है और भ्रष्टाचार में सबसे तेज है बताना चाहते है आमजनता की नजर एक चीज पर जरूर जाती होगी पूरे उत्तर प्रदेश में देखा जा सकता है हल्ला मचाती हुई 102 और 108 नम्बर की गाड़ियां यह एक इमरजेंसी सेवा की गाड़ी जिसका नाम है एंबुलेंस और यह मरीजों और दुर्घटना ग्रस्त हुए आमजन को अस्पताल पहुचाने के लिए बलिदान साबित होती है। परन्तु उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर में कार्यरत जी.वी.के कम्पनी मानक की धज्जियां उड़ाकर फर्जी मरीजों को ढोकर अर्थात कहा जाए तो बिना मरीज के खाली गाड़ी दौड़कर प्रतिकेश सरकार से अच्छे पैसे की वसूली करती है।

बताना चाहते हैं पिछले दो दिन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी में दो एम्बुलेंस बिना मरीजों के सड़क पर दौड़ते हुए मीडिया की निगाह में आई। खबर चलने के बाद देखा जा रहा है एकाएक रोड पर शोर मचाने वाली एम्बुलेंस गायब हो गई। इस समय कभी कभार कोई एम्बुलेंस रोड पर आ जा रही है। जिलाधिकारी को इस खबर को संज्ञान में लेना चाहिए की वर्षों से लगातार बेतहाशा मरीज को ढोने वाली गाड़ी खबर चलने के बाद कम क्यों हो गयी क्या खबर चलने से मरीजों की संख्या में कमी या मारपीट दुर्घटना में कमी आ जाती है। अगर खबर चलने से ऐसा होता है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन यह जांच का विषय है।

इसके बारे में जब एम्बुलेंस संचालक के जिले स्तर के अधिकारी विनोद मिश्रा और प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा से बात की गयी तो सभी ने बसखारी आकर जांच करने की बात करते हैं और बोलते हैं जांच के समय मीडिया भी उपलब्ध रहेगी। लेकिन दो दिन से यह अधिकारी मीडिया को लालीपाप दिखा रहे हैं और अभी तक बसखारी नहीं पहुंचे और अब प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा कह रहे हैं हमने शासन को रिपोर्ट भेज दिया कार्यवाही होगी। यह बात जब मीडिया उनके आफिस में पहुंचती है तब बताते हैं और फोन पर आने का वादा विनोद मिश्रा बराबर करते हैं कुल मिलाकर कहा जाए यह ज़िले स्तर के बड़े अधिकारी अपना सर बचाने के लिए कर्मचारियों पर कार्यवाही कर सकते हैं जबकि ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है इसमें कहीं न कहीं बड़ा भ्रष्टाचार है। इसका दावा खुद प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा बात बात में उगल दिए इसकी चर्चा हम अंत में करते हैं।

उससे पहले बताना चाहते हैं जब पहले दिन में एम्बुलेंस मीडिया के चपेट में आयी तो जिला स्तरीय कर्मचारी विनोद मिश्रा द्वारा फोन पर बार बार कहा जाता है आप का कोई काम रहेगा तुरंत होगा किसी के नौकरी के पीछे क्यों पड़े है। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं खाली एम्बुलेंस दौड़ने की जानकारी विनोद मिश्रा को रहता था तभी इतनी बड़ी ग़लती पर अपने कर्मचारी को बचा रहे हैं दाल में कुछ काला लगता है।

यह तो बात विनोद मिश्रा की थी। अब बात कर रहे हैं प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा से इस पर बात किया गया उनके आफिस में पहुंचकर तो पहले जबाब देने से बच रहे हैं परन्तु कहा गया है सच्चाई बहुत देर तक नहीं छिप सकती है। अमित वर्मा ने बातों बातों में यह बता ही दिया 2017 के पहले भारी मात्रा में स्पैम अर्थात फर्जी वाड़ा होता था यह कोई छोटे कर्मचारी नहीं है कंपनी के एक बहुत बड़े कर्मचारी हैं। अगर इनकी बात को सरकार संज्ञान में ले तो एक जिले में नहीं पूरी कम्पनी पर 2017 के पहले हुए कार्यों का सरकार द्वारा किसी एंजेसी से निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
लेकिन बात यहीं नहीं खत्म होती है अगर 2017 के पहले यह कम्पनी स्पैम अर्थात फर्जी वाड़ा कर सरकार से पैसा वसूल करती थी तो क्या अब नहीं करती होगी। कोई यह बताएं जो वर्षों से देशी घी के साथ रोटी लगातार खाया हो तो क्या वह एकाएक रोटी और नमक से पेट भर लेता होगा यह भी सवालों के घेरे में है। लेकिन किसी भी जांच में छोटे कर्मचारी फंसते हैं।कंपनी के इस बड़े कर्मचारी का बयान पूरे कम्पनी को हिला सकता है।

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