श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर झूम उठे श्रोता

श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर झूम उठे श्रोता



शिवगढ़,रायबरेली।

 शिवगढ़ क्षेत्र के पण्डित का पुरवा मजरे ओसाह में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रोता झूम उठे।

 कथा वाचक पण्डित कृष्ण कुमार शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस के कारागार में जिस समय उनका प्राकट्य हुआ जेल में बंद बसुदेव और देवकी की हथ कड़ी बेड़ी स्वत: ही खुल गईं पहरेदार सो गए।

 शंख चक्र गदा और पद्म धारण किए चतुर्भुज रूप देख देवकी और वसुदेव ने स्तुति किया और बाल रूप में आने को कहा। मां के आग्रह पर भगवान बाल रूप में रुदन करने लगे। भादौ की घनघोर काली रात में ही कान्हा को सूप में रख वसुदेव गोकुल पहुंच गए और नन्द बाबा की पत्नी यदुरानी यशोदा के पास श्रीकृष्ण को लिटा दिया और उनके पास सोई कन्या को लेकर कारागार लौट आए तब जेल में कन्या और नन्द घर श्रीकृष्ण ने एक साथ रुदन किया।

 जिससे द्वार पालों की तंद्रा टूटी और देवकी की आठवीं संतान होने की सूचना कंस को दी। रात को ही कारागार पहुंचे कंस ने देवकी से जबरन कन्या छीन पत्थर पर पटककर मारना चाहा किंतु कन्या उसके हाथ से छूट गई और यह कहकर अदृश्य हो गई कि तुम्हे मारने वाला तो गोकुल में अवतार ले चुका है।

 उधर दूसरे दिन नन्द बाबा के घर गोकुल में कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया गया। नन्द घर बाजे आज बधइया गीत पर श्रद्धालु झूम उठे।

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