धूं धूं कर जली सोने की लंका

सुग्रीव की भूमिका में मदन कुमार एव तारा की भूमिका में उपासना सिंह ने दर्शकों की तालियां बटोरी। 


                       
स्वतंत्र प्रभात 

नैनी, प्रयागराज-

 सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा संचालित रामलीला मे बुधवार को बाली- वध, अशोक-वाटिका एवं लंका- दहन की लीला का  मंचन हुआ। सुग्रीव और बाली के बीच रोमांचकारी युद्ध को देख कर बच्चे और युवा जोश से भर कर तालियां बजाने लगे।बाली प्राण त्यागने से पहले अपने पुत्र अंगद की जिम्मेदारी राम पर छोड़ जाता है। अशोक वाटिका मे चिंताकुल सीता को हनुमान ढांढस बंधाते हैं। 

हनुमान अपनी क्षुधा मिटाने के लिए अशोक वाटिका से फल तोड़ते हैं तो पहरेदार राक्षस उन पर प्रहार करने लगते हैं। हनुमान अशोक- वाटिका को उजाड़ कर बहुत सारे राक्षसों का वध कर देते हैं। रावण हनुमान की पूंछ में आग लगवा देता है। हनुमान उसी आग से समूची लंका को जलाकर राख कर देते हैं। चारों ओर हनुमान की जय के जयकारे गूंजने लगते हैं।मंदोदरी की भूमिका में जेसिका आनंद, सुग्रीव की भूमिका में मदन कुमार एव तारा की भूमिका में उपासना सिंह ने दर्शकों की तालियां बटोरी। 

रामलीला के प्रारंभ में सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने भगवान राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सभी प्रयाग वासियों को नवरात्रि एवं विजयादशमी की बधाई दी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मुख्य संरक्षक विनीत पांडे, अध्यक्ष राकेश जायसवाल, महामंत्री नयन कुशवाहा, मीडिया प्रभारी आर के


 शुक्ला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह , बीबी दुबे, रणजीत सिंह, हरे कृष्ण तिवारी, दिलीप केसरवानी, आकांक्षा जायसवाल, अभिषेक पांडे, सागर गुप्ता, योगेश सिंह, सुरेश पटेल, धीरेंद्र यादव, बृजेश सिंह, हिमांशु पांडे, , शिवम केसरवानी, शाश्वत चौधरी आदि उपस्थित रहे।

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