चतुर्थ दिवस की कथा मे भगवान कृष्ण के जन्म की कथा का गायन किया

नैमिष मिश्रिख ठाकुरनगर स्थित श्री आत्मानंद संस्कृत गुरुकुल संस्थान में आयोजित भागवत कथा के चौथे दिन सूर्यवंश एवं चंद्रवंश के राजाओं की कथा का वर्णन किया । कथाव्यास ने भगवान राम के जन्म, वनगमन, रावण वध एवं राज्याभिषेक की कथा का संक्षिप्त वर्णन किया । भगवान के चतुर्भुज रूप को देखकर माँ कौशल्या ने निवेदन

 नैमिष मिश्रिख ठाकुरनगर स्थित श्री आत्मानंद संस्कृत गुरुकुल संस्थान में आयोजित भागवत कथा के चौथे दिन सूर्यवंश एवं चंद्रवंश के राजाओं की कथा का वर्णन किया । कथाव्यास ने भगवान राम के जन्म, वनगमन, रावण वध एवं राज्याभिषेक की कथा का संक्षिप्त वर्णन किया । भगवान के चतुर्भुज रूप को देखकर माँ कौशल्या ने निवेदन किया कि आप शिशु स्वरूप धारण कर पुत्र सुख का आनंद दीजिए । उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राम का चरित्र मानव के कल्याण के लिए अत्यंत आवश्यक है । कथा के चौथे दिन कथाव्यास ने दसवें स्कंध का प्रारम्भ किया । भगवान श्रीकृष्ण के मंगल चरित्र का गुणगान किया गया ।

शास्त्री जी ने बताया कि कंस अपनी बहन देवकी से अत्यंत प्रेम करता था और कंस ने देवकी का विवाह वसुदेव से बड़ी ही धूमधाम से किया लेकिन जब वह देवकी और वसुदेव को रथ पर छोड़ने जा रहा था तब ही आकाशवाणी  हुई कि देवकी के गर्भ से जन्मा आठवां पुत्र उसका काल होगा । यह भविष्यवाणी सुनकर कंस ने दोनों को जेल में डाल दिया लेकिन भगवान की महिमा से भादौ की अष्टमी को श्री कृष्ण जेल में प्रकट हुए । उसके बाद शास्त्री जी ने वसुदेव द्वारा यमुना नदी पार कर गोकुल में नंद के घर में पहुँचने का मनोहारी वर्णन किया । इसके बाद नंदोत्सव का भव्य आयोजन हुआ जिसमें श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे । कथा के मध्य में श्रम विकास सहकारी संघ के चेयरमैन वीरेन्द्र तिवारी, भाजपा अवध क्षेत्र महामंत्री दिनेश तिवारी, क्षेत्रीय सांसद अशोक रावत, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मुनींद्र अवस्थी ने व्यास पूजन किया । व्यासजी ने माल्यार्पण कर इनका स्वागत किया ।  इस अवसर पर मुख्य यजमान बृजेश शास्त्री, रामकिशोर दीक्षित, प्रकाश चंद्र पांडेय, स्वदेश शुक्ला उपस्थित रहे ।

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