अल्लाह की इबादत ही इंसान के हर मसले का है हल – मौलाना मुशीर अब्बास खॉ

अंबेडकरनगर नगर के लोरपुर ताजन के मोहल्ला हुसैनाबाद में सैयद शाहिद हुसैन की वालिदा मरहूमा अली बांदी नकवी के चालिसवे की मजलिस-ए-अजा का आयोजन दिन गुरूवार को इमाम बारगाह मरहूम मीर तालिब हुसैन में किया गया। मजलिस का संचालन शजर रिजवी ने किया अहलेबैत की शान में पेशखानी सैयद फसाहत रिजवी खनवाई जौनपुर व हाशिम


अंबेडकरनगर

नगर के लोरपुर ताजन के मोहल्ला हुसैनाबाद में सैयद शाहिद हुसैन की वालिदा मरहूमा अली बांदी नकवी के चालिसवे की मजलिस-ए-अजा का आयोजन दिन गुरूवार को इमाम बारगाह मरहूम मीर तालिब हुसैन में किया गया। मजलिस का संचालन शजर रिजवी ने किया अहलेबैत की शान में पेशखानी सैयद फसाहत रिजवी खनवाई जौनपुर व हाशिम शब्बीर नकवी नसीराबादी ने किया। वही सोजखानी नइयर हुसैन खॉ व हमनवा ने किया। इस अवसर पर पहली मजलिस को खिताब करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना मुशीर अब्बास खॉ सुल्तानपुर ने कहा कि अल्लाह की इबादत ही इंसान के हर मसले का हल है।

उन्होंने कहा कि अल्लाह की इबादत में सिर्फ नमाज, रोजा और हज ही शामिल नहीं है। बल्कि समाज की भलाई करना भी शामिल है। यही हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी का मकसद था। अगर हमने इस मकसद को भुला दिया तो कोई इबादत कुबूल नहीं होगी और ना ही मजलिस-व-मातम कुबूल होगा।

वही दूसरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद इंतजार मेंहदी फैजी ने कहॉ कि कर्बला की जंग में अल्लाह की राह और इंसानियत की हिफाजत के लिए भूखे-प्यासे कुर्बानी देने वाले 72 शहीदों में हजरत इमाम हुसैन की बहन जैनब के 12 व 13 साल के दोनों बेटे भी शामिल थे।

उन्हें यजीद की फौज ने धोखे से शहीद कर दिया। अंत में उन्होंने कर्बला की दर्दनाक घटनाओं का वर्णन किया और अजादार अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक सके मजलिस में प्रमुख रूप से सैयद शाहिद हुसैन सैयद मतलूब हुसैन कैफी रिजवी इमरान रजा रिजवी रोज बाबर सोनू शानदार सदफ काविश मीजू सहित बड़ी संख्या में अन्य मौजूद रहे!

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