आजादी के इतने वर्ष बाद भी बरकट्ठा के सिजुआ ग्राम के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं
बरकट्ठा संवाददाता
बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र के चेचकपी में पंचायत अंतर्गत सिजुआ ग्राम पहाड़ों से चारों ओर से घिरा हुआ है। इस ग्राम में लगभग 700 की आबादी है। यहां के स्थानीय लोगों के साथ काफी गंभीर समस्या है। इस ग्राम में न पानी पीने का है और न ही आवागमन का रास्ता है। यह ग्राम बरकट्ठा से 13 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां के लोगों का कहना है कि ग्राम में कोई भी हमारी समस्या के समाधान में न सरकारी अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि की दिलचस्पी है। गांव में 250 मतदाता हैं। चुनाव के समय इनके वोट लेने के लिए केवल नेता के आदमी आते हैं। ग्रामीण चिंतामनी सिंह और ब्रह्मदेव सिंह ने कहा कि इस ग्राम में दो तीन चापाकल बोरिंग किया गया। लेकिन बोरिंग से एक लोटा पानी भी नहीं निकला। लोग पीने के पानी के लिए नाले में आठ फीट गड्ढे कर पानी का जुगाड़ किया है। उसी पानी का उपयोग करते हैं। ग्रामीण मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं।
गांव में राजकीय उत्क्रमित मवि है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक बालेश्वर शाव का कहना है कि रास्ते के अभाव में प्रखंड मुख्यालय आने जाने में इतनी गंभीर समस्या होती है। जिसकी व्याख्या नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों को बरसात के दिनों में सबसे बड़ी समस्या आवागमन की होती है। लोगों का कहना है कि गांव में न ही कोई प्रशासनिक पदाधिकारी और न जनप्रतिनिधि आते हैं। 80 प्रतिशत लोगों के पास राशन कार्ड उपलब्ध है। वृद्धा पेंशन और विधवा पेंशन लगभग 40 लोगों को मिलता है। एक ओर जहां केंद्र सरकार सभी को पक्का मकान देने की योजना बनाई है। वहीं इस गांव में अधिकांश लोग के पास मिट्टी का घर है। लोगों ने बताया कि बहुत कम लोगों को पीएम आवास मिला है। यहां के लोग जब रात में बीमार पड़ते हैं तो रास्ता में आने जाने के क्रम में ही कई लोग अपना जान गवा चुके हैं। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह रास्ता अभी तक नहीं बना है।