आदर्श ग्राम पेटो में मूलभूत सुविधाएं से वंचित : ग्रामीण

आदर्श ग्राम पेटो में मूलभूत सुविधाएं से वंचित : ग्रामीण


 

आदर्श ग्राम पेटो में मूलभूत सुविधाएं से वंचित : ग्रामीण

पेटो गाँव में जल, शौचालय  व उप स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नही।

ग्राम पेटो सिर्फ कागजों में आदर्श ग्राम बनके सीमित है।


सनोज महतो स्वतंत्र प्रभात  केरेडारी।

केरेडारी। हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखण्ड क्षेत्र के ग्राम पेटो सिर्फ कागजों में आदर्श ग्राम बनके सीमित है। आदर्श ग्राम में न उप स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था है इससे ग्रामीणों को गांव से हट कर केरेडारी स्वास्थ्य केंद्र जा कर इलाज कराने को मजबूर है। वही दूसरी ओर गांव में निर्मित पेय जल एवं स्वच्छता  विभाग झारखंड सरकार से निर्मित जल मीनार की क्षमता 22 हज़ार 500 लीटर की है। लेकिन पानी की सफलाई कितनी होती है ग्रामीणों को । इस संदर्भ में गाँव के भाजयुमों जिला मंत्री अमित प्रशाद गुप्ता से बात करने के बाद पता चला कि निर्मित जल मीनार से कुछ ही घर मे पानी मिल पा रहा है बाकी गाँव के ग्रामीण जल मीनार के जल से वंचित है। एक  संवेदक की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को इस समस्या का शिकार  होना पड़ा है। वही दूसरी ओर केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत करते हुए कहा था कि हर घर में शौचालय बनेगा। जिससे की स्वच्छ भारत का निर्माण होगा। लेकिन आज भी यहां की ग्रामीण आधी से ज़्यादा आबादी खेतों में ही खुले में शौच के लिए जाती है। हम बात कर रहे हैं ग्रामीण भारत में स्वछता और बेहतर शौचालयों के कमी की। जिसका वादा आज से लगभग सात साल पहले मौजूदा सरकार द्वारा किया गया था। योजना को लेकर ज़ोरो-शोरो से काम भी किया गया। मगर इस गांव में कुछ सो का काम करने वाले लोग तो कमाई किये है। इस विषय पर गाँव के वर्तमान मुखिया राजकिशोर यादव से पूछे जाने पर कहा कि गांव की समस्या को लेकर लगातार पहल कर रहे है । गाँव मे उप स्वास्थ्य केंद्र नही होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है।


क्या कहते हैं ग्रामीण:-


ग्रामीण कंचन यादव नारायण यादव अमित गुप्ता प्रीतम साहू  महाबीर साव आदर्श ग्राम के  समस्या को लेकर कहा की चुनाव के समय नेता बड़े बड़े वायदे करते हैं और विकास की बातें करते हैं लेकिन चुनाव के बाद अपनी वादों को भूल जाते हैं। संवेदक की लापरवाही के कारण लोगों को इस समस्या का शिकार  होना पड़ रहा है लेकिन अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी ने इस समस्या को लेकर आवाज नहीं उठाया है।

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