स्वतंत्र प्रभात-
सफीपुर उन्नाव। बीडीओ की उदासीनता, मनरेगा योजना से चकरोड़ के नाम पर निकले हजारों रूपये ,प्रधान, सचिव की संलिप्तता से भ्रष्टाचार चलता रहा। बीडीओ कभी ब्लाक से क्षेत्र का निरीक्षण नही करने जाते, जानकारी देने पर उनका एक रटा रटाया तकिया कलाम है प्रकरण सज्ञान में आया है देखो इसको दिखवाते हैं साहब कौन से कार्य मे व्यस्त रहते हैं इसका जवाब तो सायद साहब ही दे सकते है ये मामला केवल एक ग्राम पंचायत का नही है न किसी एक विशेष प्रकरण का मामला है ऐसे कई मामले है जिनके BDO साहब को जानकारी दी गयी लेकिन उसका नतीजा शून्य ही निकला क्योकि साहब को तो पंखे की हवा प्यारी है इतने बड़े बड़े गुल खिलाये जा रहे है लेकिन साहब कुंभकर्णी नींद में सोए है साहब की टीम क्या करती रही जो हजारों रूपीस का घोटाला हो गया है हवा तक नही लगी या सब खुदा जाने वाली बात हो गयी, दबी जुबान से लोगो ने ये भी कहा कि कार्य होने पर जो मजदूरों को मनरेगा मजदूरी के पैसे दिए गए वो यहां लंबे समय से आये ही नही है, बीडीओ ने जांच कर कार्रवाई की बात कहीं।
विकासखंड सफीपुर की ग्राम पंचायत खैरी चंदेला में मनरेगा योजना से चकरोड में काम वर्ष 2022-2023 का हुआ। जिसमें जमकर खानापूर्ति की गई। योजना से चकरोड के नाम पर हजारों रूपये की राशि निकली। जब मामले की पड़ताल हुई तो मालूम हुआ, कि घर बैठे रूपये खाता में आ गए(प्रधान अपने चहेते के खाते में डाला दिया)। फिर क्या बंदरबाट हुआ। ग्राम पंचायत में जमकर अवैध रूप से सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। मनरेगा योजना से चकरोड में सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करने का मामला प्रकाश में आया है जांच कराई जा रही है।
गुलाब चंद्र खंड विकासधिकारी सफीपुर उन्नाव।