स्वतंत्र प्रभात-
अम्बेडकर नगर।
मामला महारुवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बरई का पूरा गाँव के ड्यूटीरत फौजी पवन सिंह का है जो अपने पुस्तैनी जमीन में निर्माण कार्य करा रहे थे जिसको रुकवाने के लिए अनिल सिंह ने महरुआ थाने में शिकायत की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए थानाध्यक्ष ने तत्कालीन प्रभाव से निर्माण कार्य रुकवा दिया।निर्माण कार्य रुकने के बाद ड्यूटीरत फौजी पवन सिंह
ने महरुआ थानाध्यक्ष से इस प्रकरण पर जानकारी लेने के लिए फोन किया जिस पर महरुआ थाना प्रभारी भड़क गये और महरुआ क्षेत्र में न घुसने की धमकी देने लगे बोले कि तुम यहाँ आ जाओ एक बार तुम्हरी सारी फौजी गीरी निकाल दूंगा।
सवाल ये है कि अगर एक थाना अध्यक्ष इस प्रकार से किसी ड्यूटीरत फौजी से बात करेगा तो एक थाना प्रभारी और रोडछाप गुण्डे में क्या अंतर रह जायेगा एक सम्मानित पद पर रहते हुए ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकती है। जब इस मामले में ड्यूटीरत फौजी पवन सिंह से बात की गयी तो उनका कहना था मैं असम में बाढ़ पीड़ितो की मदद के लिये वर्तमान में
ड्यूटीरत हूँ और उधर हमारे पड़ोसी अनिल सिंह पुलिस से मिलकर मेरे अपने जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को नहीं होने दे रहे है। हम सिर्फ दो भाई हैं दोनो भाई फौज में है घर पर कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है घर पर सिर्फ मेरे वृद्ध माता-पिता है जिन्होनें महरुआ थाने पर इसकी एप्लीकेशन भी दी थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस मामले की पूरी जानकारी के लिए जब हमारे संवाददाता ने महरआ थाना प्रभारी को फोन किया गया तो उनका नंबर नेटवर्क पहुंच के बाहर बताया जिससे उनसे बात नहीं हो पायी।