राया ब्लाक भी हुआ डाक जोन, 11 ब्लाक में डार्क जोन की संख्या पहुंची चार

-डार्क जोन में टपक सिंचाई को बढावा देने का प्रयास, 875 किसानों ने अपनाई तकनीक-कृषि विभाग की विशेष अनुदानित योजनाओं में राया ब्लाक के किसानों को भी मिलेगा लाभ मथुरा। जनपद के कुल 11 ब्लाकों में से अब चार ब्लाक डार्क जोन में आ गये हैं। नौहझील, बल्देव, फरह ब्लाक पहले से ही डार्क जोन

-डार्क जोन में टपक सिंचाई को बढावा देने का प्रयास, 875 किसानों ने अपनाई तकनीक
-कृषि विभाग की विशेष अनुदानित योजनाओं में राया ब्लाक के किसानों को भी मिलेगा लाभ

मथुरा। जनपद के कुल 11 ब्लाकों में से अब चार ब्लाक डार्क जोन में आ गये हैं। नौहझील, बल्देव, फरह ब्लाक पहले से ही डार्क जोन घोषित थे, अब राया ब्लाक को भी डार्क जोन घोषित किया गया है। यह चैंकने वाला तथ्य है राया ब्लाक के बीच से गंग नहर निकलती है और राया ब्लाक में वाटर लेवल की स्थिति जनपद के दूसरे ब्लाक की तुलना मंे बहतर मानी जाती थी। भू गर्भीय जल के दोहन को कम करने और सिंचाई के लिए जमीन के अंदर से कम पानी निकालने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

कम पानी में सिंचाई की तकनीकों के उपयोग के लिए भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है। फुब्बारा सिंचाई तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए  सरकार 80 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। उपकृषि निदेशक धुरेन्द्र कुमार ने बताया कि जनपद के बल्देव, नौहझील, फरह तथा राया ब्लाक के किसानों को इस विधि के तहत सिस्टम लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक करीब 875 लाभार्थी हो गये हैं। इसमें लघु, सीमांत, महिला और एससी वर्ग के किसानों को 90 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है।

सामान्य तथा अन्व वर्ग के लाभार्थियों को 80 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि यह पूरा सिस्टम 88 हजार 500 रूपये का है। 80 प्रतिशत तक छूट वाले किसानों को करीब 56 हजार तथा 90 प्रतिशत तक छूट के पात्र किसानों को 65 हजार रूपये सरकार देगी बाकी पैसा किसानों को अपनी ओर से लगाना होगा। उपकृषि निदेशक ने बताया कि किसान को पहली बार में पूरा पैसा यानी 88500 रूपये जमा कराना पडेगा, इसके बाद सरकार किसान की रकम को किश्तों मे ंवापस करेगी।
पूरे जनपद में भू गर्भीय जल स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। जो ब्लाक डार्क जोन से बाहर हैं वहां भी भूगर्भीय जल स्तर की स्थिति बेहतर नहीं है।

ऐसे होती है भूगर्भीय जल स्तर की मानीटरिंग

भू गर्भीय जल स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। बरसात से पहले तथा बरसात के बाद भू गर्भीय जल स्तर की प्रत्येक ब्लाक में मानीटरिंग की जाती है। अलीगढ में विभाग का कार्यालय है। बरसात की स्थिति तथा दोहन दोनों को ध्यान में रख कर रिपोर्ट तैयार की जाती है।

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