करोड़ों रूपया गन्ना मूल्य बकाया, पाँच साल उदासीन रही सरकार व जनप्रतिनिधि

जिले में भारतीय जनता पार्टी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। इस वक्त 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार के कामकाज का मूल्यांकन स्वाभाविक है।


बस्ती। जिले में भारतीय जनता पार्टी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। इस वक्त 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार के कामकाज का मूल्यांकन स्वाभाविक है। बस्ती जनपद की बात करें तो किसानों को जनप्रतिनिधियों ने गन्ना मूल्य के 14 दिन बाद भुगतान की बात कहीं थी। यह भी कहा था कि 14 दिनों में भुगतान न होने पर सरकार ब्याज के साथ किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करेगी।अब चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों को सवालों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के सवाल मौजूदा विधायकों को निरूत्तर कर रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो बंद पड़ी वाल्टरगंज सुगर मिल पर किसानों का 43 करोड़ बाकी है। इसे प्राप्त करने के लिये वर्षों से आन्दोलन चल रहा है लेकिन इलाकाई जनप्रतिनिधि और सरकार ने कोई ठोस कदम नही उठाया। वर्ष 2016-17-18 से ही ये बकाया चला आ रहा है। अनेकों कर्मचारियों का वेतन भी बकाया है जिसको लेकर कर्मचारी सुसाइड करने तक का प्रयास कर चुके हैं। इसी तरह रूधौली सुगर मिल पर 2020-21 का 1580,56, तथा 2021-22 का 4495.10 लाख बकाया है।

जनप्रतिनिधियों और सरकार की उदासीनता के चलते किसानों को नगदी फसल का भुगतान नही मिला। जबकि बस्ती उन जिलों में शुमार है जहां गन्ना प्रमुख नगदी फसल मानी जाती है। यहां की अधिकाश आबादी गन्ने की खेती पर निर्भर है। इससे न केवल किसानों के परिवारों का भरण पोषण होता है बल्कि इसी के भुगतान से अन्य फसलें भी उगाई जाती हैं। गन्ना मूल्य भुगतान प्रभावित होने पर किसान की पूरी गृहस्थी प्रभावित हो जाती है। यहां कुल 52095 हे. भूमि पर गन्ने की फसल उगाई जाती है। जिला गन्ना अधिकारी से इस बावत जानकारी ली गयी तो उन्होने कहा रूधौली का भुगतान जारी है, हालांकि इसमें ब्याज नही शामिल है। बंद पड़ी वाल्टरगंज सुगर मिल का ब्याज सहित भुगतान करीब 54 करोड़ रूपया बाकी है जिसकी आरसी कट गयी है, आगे जो कुछ करना है जिला प्रशासन को करना है।

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