बड़े धूमधाम से मनाई गयी गीता जयन्ती

भगवान कृष्ण के द्वारा बताए गए नैतिक मूल्य संपूर्ण मानव जाति के लिए हितकारी एवं प्रेरणादाई हैं


चुनार। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्राम सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार में संस्कृत विभाग के द्वारा गीता जयंती के अवसर पर गीता में वर्णित नैतिक मूल्यों का मानव जीवन में उपयोगिता विषयक प्रसार व्याख्यान एवं गीता श्लोक प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें बी ए प्रथम वर्ष की छात्रा शिवांगी मिश्रा ने प्रथम स्थान, बी ए द्वितीय वर्ष की छात्रा शालू पटेल  तथा प्रतीक्षा यादव ने द्वितीय स्थान, तथा बीए प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

  मुख्य वक्ता श्री संतोष जी सहसंयोजक अमृत महोत्सव काशी प्रांत ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण के द्वारा बताए गए नैतिक मूल्य संपूर्ण मानव जाति के लिए हितकारी एवं प्रेरणादाई हैं। जिनको हम आत्मसात करके अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।

 विशिष्ट वक्ता श्री सुरेंद्र सिंह पटेल सदस्य  राष्ट्रीय कार्यकारिणी भाजपा किसान मोर्चा  ने कहा कि गीता में वर्णित सिद्धांत मानव जीवन के लिए संजीवनी के समान है। जिसका पान करके जीवन के सभी  कष्टों को दूर किया जा सकता है ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अशर्फीलाल ने कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता आज संपूर्ण विश्व में सर्व स्वीकार्य है ।

इस पर अनवरत शोध हो रहे हैं जोकि हम सभी के लिए अनुकरणीय हैं। स्वागत एवं प्रास्ताविक भाषण गीता जयंती के संयोजक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के ही दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता का उपदेश दिया था इसलिए गीता जयंती मोक्षदा एकादशी के दिन मनाई जाती है। इस अवसर पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया

 जिसके मुख्य वक्ता रामबालक द्विवेदी कार्यवाहक प्रचारक चुनार जिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता इतनी सुदृढ़ रही है कि जिसका पालन करके हम भारत को पुनः जगतगुरु बना सकते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदानों एवं कर्मों को याद करने का एक सुखद अवसर है। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शेफालिका राय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर भास्कर प्रसाद द्विवेदी ने किया।

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