हरे -भरे पेड़ों की कटान वन माफियाओं द्वारा लगातार जारी

वन विभाग पुलिस विभाग की मिलीभगत से 2 दर्जन से अधिक हरे पेड़ काटे गए शिकायत  नहीं हुई कोई कार्रवाई


बस्ती।जहां सरकार भ्रष्टाचार मिटाने के लिए स्वयं लगातार नई-नई नीति लाकर 18 घंटे कार्य कर रही है ।वही उनके कारिंदे तू डाल-डाल मैं पात- पात की कहावत को सिद्ध करते हुए उनकी मनसा को कई विभाग तार-तार करने में लगे हुए हैं! उसमें एक विभाग (वन एवं पुलिस) विभाग हैं। उनके अधिकारी खुद नहीं चाहते अपराध और अपराधी कम हो! चंद रुपयों के लालच में रिश्वत लेकर पर्यावरण के बन बैठे दुश्मन प्रकृति की आह कब तक लेंगे।आए दिन हरे -भरे पेड़ों की कटान वन माफियाओं द्वारा लगातार जारी है।


आपको बताते चलें की लालगंज थाना क्षेत्र में कैथौरा गांव (मोहन नगर वार्ड संख्या 2) में हरे विशाल आम के वृक्ष की कटाई इलेक्ट्रिक मशीन से ठेकेदार फिरोज अहमद नाम के व्यक्ति द्वारा कल हो रही थी। जिसकी जानकारी थाना अध्यक्ष लालगंज को भी दी गई। वहीं इस घटना को वन विभाग के फारेस्टर राम निरंजन वर्मा से भी अवगत कराया गया। फारेस्टर के घटना-स्थल पर पहुंचने के बाद भी खबर लिखे जाने तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

 इस ठीकेदार की आए दिन कहीं ना कहीं घटनाएं होती रहती हैं। आपको बता दें देईसाड़ गांव के समीप सड़क की पटरी पर की बेशकीमती लकड़ी को वन विभाग के फारेस्टर राम निरंजन वर्मा द्वारा कटवा कर आरा मशीन पर बेच दिया जाता है। पूछे जाने पर हमें पेड़ कटने की कोई जानकारी नहीं है। इस समय हम बाहर है। कुछ समय बाद पुनः फोन करते हुए कहते हैं लकड़ी को राजेश के आरा मशीन पर रखवा दिया गया है आइए देख लीजिए ! पूछे जाने पर कि अभी आप कह रहे थे कि मुझे कोई जानकारी नहीं है और हम बाहर हैं! तो उन्होंने कहा हम आपसे मिलना चाहते हैं।

 दूसरी घटना शंकर नगर वार्ड रौता का है जहां एक हरे- भरे आम के विशालकाय वृक्ष को काटा गया। पूछे जाने पर जुर्माना उतारने की बात की गई।फिर भी उनके द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं हुआ। तीसरी बार उसी गांव में हरे-भरे आम के पेड़ों की कटाई हो रही थी। पूछे जाने पर उन्होंने रटा-रटाया उत्तर दिया जुर्माना किया जाएगा। दूसरे दिन पूछा गया कि सर आपने जिस पेड़ को जुर्माना उतारने के लिए कहा था वह पेड़ तो चला गया तो फिर गैर जिम्मेदाराना उत्तर देते हुए कहां ..तो का करी उहै बैठि के रखाई।
तो आप ने जुर्माना उतारने की बात मुझसे कहा था।

तो उन्होंने कहा कुछ नाहीं होई इनके बारे में हर बार फोन करते हुए डीएफओ नवीन कुमार शाक्य से जानकारी लेना चाहा लेकिन इनका एक बार भी आज तक फोन रिसीव नहीं हुआ। अब देखना यह है कि इनके ऊपर के अधिकारी इन सबके ऊपर कौन सी कार्यवाही करेंगे।

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